नई दिल्ली, बुलेट की रफ्तार और मजबूती के साथ लक्ष्य को भेदने की क्षमता यह सब अब रेलवे के कर्मचारियों में दिखाई देगा। बुलेट ट्रेन के आने से पहले ही रेलवे अपने कर्मचारियों को बुलेट जैसा बनाने की तैयारी में जुट गया है। यही कारण है कि रेलवे बदलती तकनीक के अनुसार नीचे से लेकर ऊपर तक के अपने सभी कर्मचारियों को हाईटैक करने जा रहा है। इस व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम का नाम ‘परियोजना सक्षमÓ होगा और इससे उत्पादकता और कार्य क्षमता बढ़ाने में सहायता मिलेगी। कार्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण 9 महीनों के अंदर पूरा हो जाना चाहिए। इस हिसाब से 9 महीने बाद रेलवे का नया अवतार हो जाएगा।
नीचे से लेकर ऊपर तक के सभी रेल कर्मचारी होंगे हाईटैक
इस योजना के अंतर्गत अगले एक वर्ष तक प्रत्येक जोन के सभी कर्मचारियों को उनके कार्य क्षेत्र से संबंधित कौशल और ज्ञान का एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में रेल बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने सभी क्षेत्रीय रेल के महाप्रबंधक तथा रेल उत्पादन इकाई के महाप्रबंधकों को पत्र लिखा है। पत्र के मुताबिक महाप्रबंधकों को संबंधित क्षेत्र की आवश्यकता के आधार पर प्रत्येक श्रेणी के कर्मचारियों (कार्य क्षेत्र के अनुसार कर्मचारियों का समूह बन सकता है) के लिए प्राथमिक प्रशिक्षण आवश्यकता चिन्हित की जानी चाहिए। प्रशिक्षण आवश्यकताओं को चिन्हित करने और प्रशिक्षण कैलेंडर बनाने का कार्य 31 दिसम्बर तक पूरा हो जाना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित होना चाहिए कि प्रत्येक कर्मचारी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
5 दिन का ऑन जॉब होगा प्रशिक्षण
जानकारी के मुताबिक प्रशिक्षण के स्वभाव के आधार पर 5 दिन का ऑन जॉब प्रशिक्षण या क्लास रूम प्रशिक्षण रेलवे प्रशिक्षण केंद्र में चलाया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी कर्मचारियों के रिपोॄटग प्रबंधकों को प्रशिक्षण पूर्व और प्रशिक्षण के बाद की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेना होगा, ताकि प्रशिक्षण का प्रभाव कार्य प्रदर्शन में दिखे और प्रशिक्षण में सुधार दिखे।