रेलवे की मुस्तैदी जांचने के लिए किया था फ़ोन
मुज्जफरपुर–पोरबंदर एक्सप्रेस को उड़ाने की धमकी दस साल के दिव्यांग ने दी थी। उसने टीवी चैनल के विज्ञापन से रेलवे का दिल्ली मुख्यालय का टॉल फ्री नम्बर हासिल किया।
मुज्जफरपुर–पोरबंदर एक्सप्रेस को उड़ाने की धमकी दस साल के दिव्यांग ने दी थी। उसने टीवी चैनल के विज्ञापन से रेलवे का दिल्ली मुख्यालय का टॉल फ्री नम्बर हासिल किया। देर रात अजमेर जीआरपी थाने आया दिव्यांग अपनी गलती पर फूटफूट कर रोया। हालांकि मामले में जीआरपी ने नाबालिग दिव्यांग से पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
29 नवम्बर की रात आरपीएफ, रेलवे के दिल्ली मुख्यालय से मुज्जफरपुर–पोरबंदर एक्सप्रेस को उड़ाने की सूचना पर सक्रिय हुई सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ घंटे की मशक्कत के बाद कॉलर को ट्रेस कर लिया।
कॉलर अजमेर धोलाभाटा क्षेत्र का निकला। पुलिस धोलाभाटा पहुंचती उससे पहले धमकी देने वाले बालक के परिवार के सदस्य जीआरपी थाने पहुंच गए। प्रारंभिक पड़ताल में उन्होंने कॉल से अनभिज्ञता जाहिर की लेकिन कुछ देर बाद पता चला कि कॉल परिवार के दस वर्षीय दिव्यांग बालक ने रेलवे की मुस्तैदी परखने के लिए कर दी।
बालक से भी जीआरपी थाने में फोरी पूछताछ की गई। दिव्यांग चल–फिरने से अक्षम है। एसएचओ सम्पतराज ने बताया कि सूचना दिल्ली दी गई ऐसे में कानूनी कार्रवाई का क्षेत्राधिकार भी दिल्ली रहेगा। फिलहाल बालक से पूछताछ कर छोड़ दिया गया।
थाने में पूछताछ के दौरान दिव्यांग ने अपनी गलती स्वीकार की। फूटफूट कर रोते हुए बताया कि उसने चैनल पर रेलवे के विज्ञापन में दिल्ली मुख्यालय के आपतकालीन 139 नम्बर लिए थे। उसने 29 नवम्बर को रेलवे की मुस्तैदी जांचने के लिए ट्रेन को बम से उड़ाने की सूचना दे दी।पड़ताल में सामने आया कि दिव्यांग जयपुर में उपचाररत है। वह अक्सर माता–पिता के साथ ट्रेन से जयपुर आता–जाता है। रास्ते में हमेशा मुज्जफरपुर–पोरबंदर एक्सप्रेस का नाम सुनता था। ऐसे में उसको पोरबंदर एक्सप्रेस याद रहा। उसने कॉल करके पोरबंदर को बम को उड़ाने की सूचना दी।