रेलवे ने बैंकों से डिजिटल पेमेंट्स पर चार्ज खत्म करने की मांग की

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रेलवे ने बैंकों से रेल टिकटों के लिए डिजिटल पेमेंट्स पर लिए जाने वाले चार्ज को खत्म करने या इसमें बड़ी कटौती की मांग की है। रेलवे ने कहा है कि अगर बैंक यह चार्ज खत्म करते हैं या इसमें बड़ी कटौती करते हैं तो उन्हें और ज्यादा बिजनस मिलेगा। इस चार्ज को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) कहा जाता है। रेलवे ने कहा है कि इस कदम से डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा मिलेगा और बैंकों, ट्रैवलर्स और साथ ही रेलवे को भी फायदा होगा।

अधिकारियों का कहना है कि इससे रेलवे को रेल टिकटों की विंडो बुकिंग पर होने वाले खर्च को घटाने में मदद मिलेगी और यात्रियों की लागत कम होगी। उनके मुताबिक, रेलवे चाहता है कि उसका टिकट बिजनस पूरी तरह से कैशलेस हो जाए ताकि टिकट विंडो को मैनेज करने पर आने वाली लागत कम की जा सके। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रेलवे ने सभी प्रमुख बैंकों के हेड्स को लिखकर एमडीआर में छूट देने की मांग की है ताकि डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा दिया जा सके।

अधिकारी ने कहा, रेलवे ने बैंकों से कहा है कि अगर वे चार्जेज को खत्म या न्यूनतम करेंगे तो रेलवे इसके बदले उनकी बैंकिंग सुविधाओं का इस्तेमाल अपने डिपॉजिट्स और एंप्लॉयीज की सैलरी के लिए करेगा।

अधिकारी ने बताया कि रेल मिनिस्टर पीयूष गोयल ने एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार के साथ इस मसले पर कई मर्तबा बात की है। एमडीआर एक दर होती है, जिसे बैंक क्रेडिट और डेबिट कार्ड सर्विसेज मुहैया कराने के बदले मर्चेंट से लेते हैं। यह वॉल्यूम, एवरेज टिकट प्राइस, रिस्क और इंडस्ट्री के हिसाब से तय होता है। अभी इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) एमडीआर को कन्ज्यूमर्स से वसूलती है।

आईआरसीटीसी रेलवे की कैटरिंग, टूरिजम और ऑनलाइन टिकटिंग ऑपरेशंस मैनेज करती है। यह चार्ज 10 रुपये और टैक्स से लेकर सौदे की 1.8 पर्सेंट और टैक्स तक जाता है। अधिकारियों ने कहा कि यह चार्ज टिकट खिड़की पर डिजिटल पेमेंट्स को हतोत्साहित करता है। इसी तरह से रेलवे ने आईआरसीटीसी से कहा है कि वह नो सर्विस चार्ज पॉलिसी पर टिकी रहे और अपने कैटरिंग बिजनस के लिए भी मेकनिजम निकाले साथ ही कस्टमर्स को एमडीआर चुकाने के बोझ से बचाए।

रेलवे रिजर्वेशन काउंटर्स पर 15,000 पॉइंट ऑफ सेल मशीनें लगा रहा है। फिलहाल ऐसे टिकट काउंटरों की संख्या बेहद कम है, जहां डेबिट और क्रेडिट काड्र्स के जरिए पेमेंट करने के लिए पीओएस सर्विस मिलती हो। रेलवे की योजना सभी 12,000 टिकट काउंटरों को एक या अधिक पीओएस मशीनों से लैस करने की है। अधिकारी ने कहा, हमारे स्टाफ के लिए कैश मैनेज करना बड़ा काम है। अगर हमारे पास स्वाइप मशीनें होंगी तो इससे हमें काफी फायदा होगा।

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