फ्लैक्सी रेट के बाद रेलवे यात्रियों को एक बार फिर रेलवे झटका देने की तैयारी में है। इस बार रेलवे फ्लैक्सी रेट तो नहीं लागू करेगी लेकिन कॉस्ट प्राइज के आधार पर यात्री किराया में वृद्धि करने वाला है। बताया यह जाएगा कि रेलवे अपनी लागत का खर्च ही यात्रियों पर बोझ बढ़ाकर निकाल रहा है।इसी सप्ताह विभिन्न मंत्रालय के सचिव स्तर की बैठक में इस पर विचार किया गया है। जल्द ही रेलवे बोर्ड को तैयार खाका सौंपा जाएगा।
यात्रियों को कन्फर्म बर्थ देने में तो रेलवे लगातार विफल साबित हो रहा है, लेकिन यात्री किराया का बोझ बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाला है। पिछले दिनों ही शताब्दी, राजधानी और दुरंतो ट्रेन में फ्लैक्सी रेट तय कर दिए गए तो अब रेलवे आम आदमी के रेल यात्रा किराया बढ़ाने की मुहिम में जुटा है।
पेट्रोलियम पदार्थों की तरह ही कॉस्ट प्राइस के आधार पर यात्रा टिकट में बढ़ोतरी करने की योजना बन रही है। इस योजना के तहत हर महीने 5-10 रुपया यात्री किराया बढ़ाने की तैयारी है।
रेलवे के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार कॉस्ट रेट ना केवल एक्सप्रेस/मेल ट्रेन के आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने वालों की जेब ढीली करेगा बल्कि अनारक्षित टिकट पर अनारक्षित कोच की यात्रा को भी महंगा कर देगा।
दरअसल, केंद्र सरकार इस नीति से एक ही झटके में यात्री किराया में वृद्धि करने के पक्ष में नहीं है। आगामी विधानसभा चुनाव को भी ध्यान में रखा जा रहा है, लेकिन यह वृद्धि दो सौ रुपये तक होगी। बता दें कि पहले पेट्रोल के मूल्य में वृद्धि होते ही कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की जाती थी, लेकिन अब दो रुपये बढ़ना या दो रुपया घटना कोई मायने नहीं रखता है। कुछ इसी तर्ज पर रेलवे भी यात्री किराया में वृद्धि करने की नीति तैयार कर रहा है।