रेलवे प्रबंधन को केवल रेलकर्मियों के लिए नहीं बल्कि उनके परिजनों के लिए भी सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए। रेलवे प्रबंधन को केवल रेलकर्मियों के लिए नहीं बल्कि उनके परिजनों के लिए भी सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए। अमूमन मामलों में पति तो नौकरी पर चले जाते हैं, इस कारण जरूरी घरेलू काम-काज पिछड़ जाते हैं। यह बातें सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ की जोनल वाइस प्रेसिडेंट प्रमिला राठौर ने महिला सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। सम्मेलन जंक्शन के सीआरएमएस कार्यालय में रविवार की शाम आयोजित किया था। उन्होंने कहा अधिकांश महिलाएं वाहन चलाना तो जानती हैं, लेकिन उनके पास लाइसेंस नहीं होते हैं। व्यस्तताओं के कारण कई साल बीतने पर भी महिलाएं लाइसेंस जैसा जरूरी दस्तावेज हासिल नहीं कर पाती हैं। उन्होंने कहा जंक्शन पर करीब 900 से ज्यादा रेलकर्मी निवास करते हैं। यदि लाइसेंस शिविर लगे तो करीब 500 से ज्यादा महिलाएं इससे लाभांवित होंगी। उन्होंने कहा महिला रेल कर्मियों के लिए जंक्शन पर बारिश के दौरान भींगने पर कपड़े बदलने, भोजन करने और आवश्यक सामग्री लॉकर में रखने की व्यवस्था भी होनी चाहिए, ताकि महिलाओं को फीडिंग कराने में भी दिक्कत का सामना न करना पड़े। सम्मेलन को संबोधित करते हुए नपाध्यक्ष लाजवंती नागले ने कहा महिला सुविधा के नाम पर उनके स्तर से जो भी संसाधन मुहैया हो सकते हैं, उन्हें उपलब्ध कराने के लिए वे हमेशा तत्पर हैं। उन्होंने बताया नगरीय क्षेत्र में भी वे इस योजना पर काम कर रही हैं, ताकि महिलाओं को शौचालय संबंधी दिक्कतों का सामना न करना पड़े। पार्षद ओमवती विश्वकर्मा ने कहा महिला सम्मेलन एक अच्छी पहल है। इससे महिलाओं की समस्याएं उजागर करने का एक मंच मिला है। इस मौके पर महिलाओं के लिए अभिनय और अंताक्षरी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की। सीआरएमएस की तरफ से इस मौके पर महिलाओं को उपहार भेंट किए।