आतंकियों के निशाने पर भारतीय रेलवे, बम के नाम पर फैलती दहशत

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश में रेलवे की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास छोटे व बड़े स्तर तक होता रहा है। इस प्रकार की घटनाओं के जरिए लोगों को दहशत में रखने का काम तरीका आतंकियों के भी दिमाग में आ गया है। आतंकियों के निशाने पर आ चुके भारतीय रेल पर आये दिन बम लगाने की अफवाहें और बम मिलने की सूचनाएं फैल रही है। 10 अगस्त 2017 को उत्तर प्रदेश में अमेठी के अकबरगंज रेलवे स्टेशन पर अकाल तख्त एक्सप्रेस में संदिग्ध वस्तु के मिलने की सूचना मिली। किसी अनहोनी को देखते हुए ट्रेन को रोका गया, जिसके बाद बम निरोधक दस्ते ने ट्रेन से बम प्राप्त कर उसे डिफ्यूज कर बड़े हादसे को टाल दिया गया। इसके पहले भी उत्तर प्रदेश में कुछ इसी प्रकार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बीते 26 जनवरी 2017 को आगरा में एक पैसेंजर ट्रेन में बम की अफवाह के बाद उसे आगरा में रोका गया। पुलिस के मुताबिक आगरा-इटावा पैसेंजर में बम की खबर मिली थी, जिसके बाद आगरा सिटी स्टेशन पर ट्रेन को खाली कराया गया। जीआरपी, आरपीएफ और डॉग स्क्वॉयड ने पूरी ट्रेन की तलाशी ली। अधिकारियों ने तब राहत की सांस ली जब तलाशी में ट्रेन में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।
18 मार्च 2017 को आगरा में आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के पास सुबह के वक्त कम तीव्रता के दो विस्फोट हुए। धमाके के बाद सक्रिय हुए आला पुलिस अधिकारियों को आतंकी हमले की चेतावनी वाला एक पर्चा भी मिला। पुलिस ने कोई हताहत नहीं हुआ है।
28 मार्च 2017 को संत कबीर नगर के खलीलाबाद अप रेलवे ट्रैक किनारे सुबह आठ बजे के करीब कबाड़ उठा रहे नेपाली युवक राजीव थापा के हाथ में एक बम फट गया। घायलावस्था में उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। बम की सूचना के बाद जिले की पुलिस हरकत में आई और घण्टे भर की तलाश के बाद रेलवे ट्रैक के किनारे तीन जिन्दा सुतली बम मिले।
24 अप्रैल 2017 को रेलवे स्टेशन बस्ती पहुंची कुशीनगर एक्सप्रेस में बम रखे जाने की सूचना पर सघन चेकिंग? अभियान चलाया गया। फिर सूचना को फर्जी पाये जाने पर सूचना देने वाले सुनील कुमार को जीआरपी ने गिरफ्तार किया।
3 मई 2017 को गोंडा रेलवे स्टेशन पर जीआरपी को फोन कर के किसी व्यक्ति ने रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी दी। जीआरपी और आरपीएफ को तुरन्त अलर्ट मैसेज भेजा गया। कुछ ही मिनट के भीतर पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों ने रेलवे स्टेशन की घेराबंदी कर सघन चेकिंग शुरू कर दिया। पूरे स्टेशन का चप्पा-चप्पा खंगाला गया और इसमें नगर कोतवाली पुलिस, जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम लगी रही लेकिन कुछ मिला नहीं।
28 जुलाई 2017 को चंदौली जिले के अलीनगर के सिकटिया क्रॉसिंग पर 2325 ट्रेन गुजरने के बाद हुए धमाके की आवाज से हड़कम्प मच गया। धमाके की आवाज की सुनकर ट्रेन के ड्राइवर ने इसकी शिकायत की। जिसकी सूचना क्रॉसिंग के पॉटर ने पुलिस को दी। जिसके बाद स्थानीय पुलिस और जीआरपी व आरपीएफ की टीमें मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई। हालांकि इस दौरान पुलिस को किसी भी तरह का कोई विस्फोटक नहीं मिला। 2325 ट्रेन गुजरने के बाद अचानक बम के धमाके की तरह आवाज की सुनाई दी। बता दें कि उत्तर प्रदेश एटीएस, आईबी और रेलवे सुरक्षा टीमें लगातार भारतीय रेल को असुरक्षित करने के आतंकी षडय़न्त्र के नेटवर्क के पीछे हैं। इस दौरान कुछ सफलताएं भी मिली है और अधिकांश मामलें जांच के बाद अफवाह ही निकले है।

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