30 अप्रैल को उत्कल एक्सप्रेस की जनरल बोगी के टॉयलेट में बिलासपुर के कोकड़ी गांव की रहने वाली कुमारी बाई ने एक बच्चे को जन्म दिया〡ट्रेन में यात्रा कर रही दो महिलाओं ने यह डिलिवरी करवाई। इस दौरान ट्रेन में सफर कर रहे पैसेंजर्स ने पूरा सहयोग किया। मस्तूरी ब्लॉक के कोकड़ी गांव की रहने वाली कुमारी बाई विश्वकर्मा अपने पति अरुण और एक साल की बेटी के साथ रोजगार के लिए धौलपुर गई थी।कुमारी की प्रेग्नेंसी का 9वां महीना शुरू हुआ तो उसने घर लौटने की सोची ताकि दूसरे बच्चे को सुरक्षित जन्म दे सके।30 अप्रैल की शाम 5 बजे उत्कल एक्सप्रेस की जनरल बोगी में पह धौलपुर से बिलासपुर के लिए सवार हुई।ट्रेन की बोगी पैसेजर्स से खचाखच भरी थी और गर्मी भी बहुत ज्यादा थी। बैठने की जगह न होने पर एक पैसेंजर ने खुद खड़े होकर उसे सीट दी।कुमारी बाई ने बताया कि रात के 2 बजे जब उसे बेचैनी होने लगी, तो अगल–बगल बैठे यात्री खड़े हो गए और उसे सोने के लिए जगह दी।सुबह होते ही दर्द बढ़ने लगा और 11:30 बजे के आसपास उसे असहनीय दर्द हुआ। पास बैठी दो महिला पैसेंजर्स को समझने में देर नहीं लगी। वह उसे साथ लेकर ट्रेन के टॉयलेट में चली गईं। महिला पैसेजर्स ने नर्स बनकर ट्रेन के टॉयलेट में ही डिलवरी कराने का फैसला लिया और तकरीबन 30 मिनट बाद टॉयलेट से बच्चे की किलकारी गूंजने लगी।अगले दिन दोपहर 12:15 बजे ट्रेन बिलासपुर पहुंची। किसी पैसेंजर ने 108 पर फोन कर दिया था, लिहाजा डाॅक्टर और एम्बुलेंस स्टेशन पर तैयार थी।स्टेशन स्टॉफ को भी खबर लगने पर रेलवे के डाॅक्टर को बुलवा लिए गया था। प्लेटफार्म में फर्स्ट–एड के बाद उसे रेलवे और फिर डिस्ट्रीक्ट हॉस्पिटल ले जाया गया। मां और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं।