नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बिहार जाने वाली बिहार-संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन में गुरूवार को डकैती पड़ गई। मामले में की गई शिकायत के मुताबिक डकैती की यह वारदात दिल्ली के वीआईपी स्टेशन नई दिल्ली पर ही पड़ी। हालांकि, इस मामले में जीआरपी और आरपीएफ के अफसर इस घटना को दिल्ली के बाहर हुई बता रहे हैं। पीडितों ने इस मामले में जो शिकायत दी है। उसमें वारदात का जिक्र नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-15 को बताया गया है। वारदात के बारे में सूत्रों ने बताया कि बिहार-संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से दोपहर करीब 2:30 बजे बिहार के लिए चलती है। जब ट्रेन चलने वाली थी उससे पहले इसकी जनरल बोगी में चार-पांच बदमाश चढ़ गए। इनके पास कट्टे और चाकू भी थे। इन डकैतों ने कुछ यात्रियों के सिर पर हथियार तान दिए और उनके साथ मारपीट की। चार यात्रियों से लूटपाट की गई। इनमें से एक के पास से 10 हजार रुपये, दूसरे से छह हजार, तीसरे से पांच हजार और चौथे से छह हजार रुपये लूटे गए। बताया गया है कि वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश गाजियाबाद से ट्रेन से उतर गए। जीआरपी और आरपीएफ के अफसर यह बता रहे हैं कि यह डकैती नहीं बल्कि लूट थी और वारदात भी दिल्ली बॉर्डर एरिया से बाहर यूपी इलाके में विवेक विहार से गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के बीच हुई थी। इसके बाद डरे-सहमे यात्रियों ने किसी तरह से पुलिस और आरपीएफ की हेल्पलाइन नंबर-182 पर कॉल की। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ही ट्रेन में डकैती पडऩे की जानकारी मिलते ही संबंधित अधिकारी सकते में आ गए। ट्रेन को टुंडला रुकवाया गया। यहां पर पुलिस को पीडि़त यात्रियों ने शिकायत दी। उसके आधार पर यहां जीरो एफआईआर हुई है। बताया जाता है कि फिर ट्रेन को कानपुर भी रुकवाकर पीडि़त यात्रियों से पूछताछ की गई है। अब यहां आरपीएफ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के माध्यम से बदमाशों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है। अभी तक सफलता नहीं मिली है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस बारे में सूचना मिली है। प्राथमिक जांच कर ली गई है। लेकिन अभी तक उनके पास एफआईआर की कॉपी नहीं आई है। एफआईआर मिलने के बाद ही मामले की तस्वीर कुछ और साफ हो पाएगी। बहरहाल, सूत्रों का कहना है कि इस तरह से चलती ट्रेन में दिल्ली या दिल्ली के करीब ही डकैती डलने की वारदात बड़ी मानी जा रही है। इससे लगता है कि अपराधियों में पुलिस का कोई खौफ नहीं है या फिर स्टेशन की सुरक्षा में लगी जीआरपी और आरपीएफ अपना काम ठीक से नहीं कर पा रही है।