रेलवे में मची लूट | टाइपिंग मिस्टेक या भ्रष्टाचार

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मुंबई 3 मई : भारतीय रेल का मध्य रेल  प्रति 100 ग्राम दही 972 रुपये  और 1241 रुपये प्रति लीटर दर से तेल खरीदा है. यह जानकारी सोचने के अधिकार के तहत एक आरटीआई कार्यकर्ता अजय बोस को रेलवे ने दी है. आश्चर्यजनक है की रेलवे ने सभी चीजें रिटेल कीमत से सैकड़ों गुना ऊँची कीमत में खरीदी है. अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक खबर में इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. रेलवे के एक अधिकारी ने अखबार से कहा कि ये टाइपिंग एरर हो सकता है.

अजय बोस ने द हिंदू को बताया कि उन्होंने जुलाई 2016 में आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी, लेकिन सेंट्रल रेलवे ने उन्हें जो जवाब दिया उससे यह समझ में आ गया कि कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही है. उसके बाद बोस ने पहली अपील दायर की. अपीलेट अथॉरिटी ने रेलवे को 15 दिन के अंदर वांछित जानकारी देने का आदेश दिया, फिर भी बोस को कई महीनों तक सूचना नहीं दी गई. संदेह बढऩे के कारण बोस ने दोबारा अपील की, तब उन्हें पूरी जानकारी मिली. बोस को मिली सूचना के अनुसार सेंट्रल रेलवे ने अमूल दही 972 रुपये प्रति 100 ग्राम की दर से खरीदी थी, जबकि उसकी एमआरपी 25 रुपये थी. बोस ने कहा कि जब उन्होंने सुना कि रेलवे का कैटरिंग विभाग घाटे में है, तब उन्होंने आरटीआई के तहत ये सूचनाएं मांगी थीं. रेलवे द्वारा बोस की आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी के अनुसार मार्च 2016 में 58 लीटर रिफाइंड तेल 72,034 रुपए (1241 रुपए प्रति लीटर) में खरीदा गया था. रेलवे ने टाटा नमक के 150 पैकेट 2670 रुपए (49 रुपए प्रति पैकेट) में खरीदे, जबकि नमक के एक पैकेट की एमआरपी 15 रुपए थी. इसी तरह पानी की बोतल और कोल्ड ड्रिंक 59 रुपए प्रति बोतल की दर से खरीदे गए. बोस के अनुसार रेलवे ने चिकन, तूर दाल, मूंग दाल, बेसन और टिश्यू पेपर को भी बाजार भाव से काफी अधिक दर पर खरीदा. 570 किलो तूर दाल 89,610 रुपए (157 रुपए प्रति किलो), 650 किलो चिकन 1,51,586 (233 रुपए प्रति किलो), 148.5 किलो मूंग दाल 89610 रुपए (157 रुपए प्रति किलो) और 178 पानी-कोल्ड ड्रिंक्स के बॉक्स (एक बॉक्स में 10 बोतलें) 106031 रुपए (59 रुपए प्रति बोतल) की दर से खरीदे गए. सिर्फ समोसा, प्याज और आलू ही सही दर से खरीदे गए. गौरतलब है कि रेलवे के कैटरिंग विभाग द्वारा खरीदी गयी चीजों को आईआरसीटीसी के जन आहार कैंटीन, रेलवे बेस किचन और डेक्कन क्वीन, कुर्ला-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस इत्यादि ट्रेनों में वितरित किया जाता है. सेंट्रल रेलवे के डिविजनल रेलवे मैनेजर रवींद्र गोयल ने कहा कि यह टाइपिंग एरर हो सकता है, लेकिन इस मामले की जांच की जाएगी.

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