रेलवे में आग लगने की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं जहां बढ़ रही हैं वहीं रेल कारखानों में भी आग लगना अब आम बात हो गई है। सूत्रों की माने तो लगभग हर कारखाने में वर्ष में एक बार आग लगती है। कारणों का पता शायद रेलवे नहीं लगा पा रही है या लगाना नहीं चाहती।
मध्य रेलवे के मटुंगा स्थित लगभग 100 साल पुराने एक डिब्बा और मालवाहक डिब्बा वर्कशॉप में आग लग गई। एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
सुबह छह बजकर 28 मिनट पर आग लगने की सूचना प्राप्त हुई। इसके बाद चार दमकल वाहन, तीन पानी के टैंक और एक एंबुलेंस को तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना किया गया। वर्कशॉप के कारपेंट्री विभाग के कबाड़ में आग लग गई। हालांकि सुबह साढ़े आठ बजे तक आग पर काबू पा लिया गया। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नरेंद्र पाटिल ने बताया कि किसी रेलवे संपत्ति को नुकसान और किसी कर्मचारी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है। पाटिल ने बताया, ”लेकिन हम दुर्घटना की जांच करेंगे।ÓÓ इस बीच वर्कशॉप के एक कर्मचारी और रेलवे यूनियन के एक सदस्य ने बताया कि इस तरह की घटनाएं पूर्व में भी घट चुकी हैं लेकिन अधिकारियों ने उससे कोई सबक नहीं सीखा। उन्होंने बताया कि वे परिसर से कबाड़ के समय रहते निपटारे की मांग करते रहे हैं लेकिन अधिकारी उनकी बातों पर कान ही नहीं धरते। उन्हें उम्मीद है कि रेलवे प्रशासन इससे कोई सबक लेगा। पिछले साल ही इस वर्कशॉप को पूरे सौ साल हुए हैं। वर्ष 19१6 के अप्रैल में इसकी स्थापना हुई थी।