ट्रेन दुर्घटना रोकने को रेलवे बोर्ड ने खजाने का मुंह खोला

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संरक्षा के लिए रेल मंत्रालय ने खजाने का मुंह खोल दिया है। रेल लाइन पर निगरानी करने वाले ट्रैक मैन को गश्त भत्ता और संरक्षा निरीक्षकों को सेफ्टी भत्ता देने का आदेश दिया है। यह भत्ता संरक्षा के प्रति काम करने पर मिलेगा। कर्मियों को वर्दी के लिए कपड़ा आदि देने के बजाय प्रत्येक साल पांच हजार रुपये देने का आदेश दिया है।
इस तरह का फैसला रेलवे मंत्रालय व बोर्ड द्वारा पहली बार लिया गया है। माना जा रहा है कि इस व्यवस्था के बाद संरक्षा कार्य में लगे कर्मचारी सक्रिय होंगे। रेल लाइन की मरम्मत करने, रात में गस्त करने वाले की मैन, ट्रैक मैन को अतिरिक्त राशि नहीं दी जाती। 24 घंटे ड्यूटी के प्रति सजग रहने वाले ट्रैक मैन को ओवर टाइम तक नहीं मिलता है। सुरक्षित ट्रेन संचालन में लगे सुपरवाइजर को सेफ्टी भत्ता नहीं दिया जाता था। केवल रेल लाइन चटकने की सूचना देने वाले रेल कर्मियों को पुरस्कार राशि दी जाती है। रेलवे संरक्षा के काम करने वाले कर्मचारियों को आर्थिक लाभ पहुंचाने का आदेश जारी किया है। लाभ पाने वाले कर्मियों को संरक्षा के लिए काम करने का वास्तविक प्रमाण देना पड़ेगा।
रेलवे बोर्ड के उप निदेशक ई (पीएंडए) वन अनिल कुमार ने सभी जोनल महाप्रबंधक को पत्र जारी किया है, जिसमें संरक्षा के लिए काम करने वाले ट्रैक मैन को गश्त भत्ता, सुरक्षित ट्रेन संचालन कराने व लाइन पर निगरानी वाले सतर्कता निरीक्षकों को सेफ्टी भत्ता देने का आदेश दिया है। रेलवे के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को बड़ा लाभ मिलेगा। वर्तमान में वर्दी के लिए कपड़ा, जूता आदि उपलब्ध कराया जाता था। जिसकी क्वालिटी काफी घटिया होती है। रेलवे बोर्ड ने प्रत्येक कर्मियों को साल में एक बार पांच हजार रुपये वर्दी भत्ता देने का आदेश दिया है।
उत्तर रेलवे मुख्यालय ने इस उक्त आदेश को लागू करने के लिए मंडल के लेखा विभाग को पत्र भेजा है। उरमू के मंडल मंत्री मनोज शर्मा ने कहा कि रेलवे बोर्ड के उक्त आदेश के बाद संरक्षा कार्य में जुड़े रेल कर्मियों का हौसला बढ़ेगा। इससे वह ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए और बेहतर काम करेंगे।

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