रेलवे सभी तरह की ट्रेनों से AC-2 कोच धीरे-धीरे खत्म कर देगा। इनकी जगह AC-3 कोच बढ़ाए जाएंगे। यही नहीं, नॉन-एसी स्लीपर कोच की संख्या घटाकर भी AC-3 कोच बढ़ाए जा सकते हैं। कम रिस्पॉन्स के चलते 143 ट्रेनों में फ्लैक्सी फेयर सिस्टम को भी वापस लिया जा सकता है।

इसकी जगह सभी ट्रेनों के बेसिक फेयर में 10 से 15त्न इजाफा किया जा सकता है। रेलवे बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से पता चला है कि रेलवे की 13 हजार पैसेंजर ट्रेनों में धीरे-धीरे AC-2 कोच कम होंगे और फिर इन्हें खत्म कर दिया जाएगा। जिन पैसेंजर ट्रेनों में अभी 20 या 22 कोच लगते हैं, उन्हें बढ़ाकर 24 करने का फैसला हुआ है। ऐसी ट्रेनों में जो एक्स्ट्रा कोच बढ़ाए  जाएंगे, वो AC-3 के ही रहेंगे।

आखिर क्यों लिया रेलवे ने ऐसा फैसला?

रेलवे के सूत्रों ने बताया कि AC-3 के कोच से ऑपरेशनल कॉस्ट निकल रही है। जो पैसेंजर ट्रेनें पूरी तरह से AC-3 हैं, उनसे रेलवे को प्रॉफिट भी हो रहा है। रेलवे की अब कोशिश रहेगी कि ट्रेनों में नॉन-एसी स्लीपर कोच भी कम करें और उनकी जगह AC-3 के डिब्बे बढ़ाएं जाएं। रेलवे का तर्क है कि एसी-2 के लिए उसी समय मांग होती है। जब एसी-3 में जगह नहीं होती।स्लीपर में चलने वाले करीब 30-40त्न यात्री अब एसी-3 का सफर चाहने लगे हैं।एसी-2 के मुकाबले एसी-3 में 26 पैसेंजर ज्यादा आएंगे। इससे रेलवे को भीड़ का दबाव कम करने में मदद मिलेगी।इससे स्लीपर के पैसेंजर एसी-3 में आएंगे। जिससे रेलवे की कमाई भी बढ़ेगी।

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