सुरक्षा और यात्री सुविधाओं पर होगा जोर
रेलवे की सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने पर जोर देते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को 2018-19 के लिए भारतीय रेल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रस्ताव पेश किया। यह रेलवे के लिए अबतक का सबसे बड़ा आवंटन है। जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा, रेलवे का 2018-19 के लिए पूंजीगत व्यय 1,48,528 करोड़ रुपये रखा गया है।
उन्होंने कहा कि यह राशि पिछले बजट से 17,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। केंद्रीय बजट 2017-18 में रेलवे का कुल पूंजीगत व्यय 1,31,000 करोड़ रुपये रखा गया था। जेटली ने कहा कि अत्याधुनिक रेलगाडिय़ां व अत्याधुनिक सुविधाएं 2018-19 के दौरान शुरू की जाएंगी। रेल बजट की 92 साल पुरानी प्रथा को बीते साल बंद किया गया और इसका केंद्रीय बजट में विलय कर दिया गया। मंत्री ने कहा कि सरकार का मुख्य ध्यान इसकी क्षमता बढ़ाने पर है। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय का बड़ा हिस्सा रेलवे की क्षमता निर्माण को समर्पित है। जेटली ने कहा, 18,000 किमी रेल मार्ग का दोहरीकरण व 5,000 किमी रेल मार्ग की तीसरी और चौथी लाइनों को ब्रॉड गेज में बदलने से इसकी क्षमता बढ़ जाएगी। इससे लगभग पूरा नेटवर्क ब्राड गेज में बदल जाएगा। उन्होंने कहा, रेलवे ने भौतिक लक्ष्यों में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। हम तेजी से भारतीय रेल नेटवर्क के बेहतरीन विद्युतीकरण की तरफ बढ़ रहे हैं। 2018-19 में कुल 4,000 किमी को इस्तेमाल में लाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि पूर्व और पश्चिम समर्पित माल ढुलाई गलियारे का काम भी पूरे जोरों पर है। उन्होंने कहा कि 12,000 वैगन, 5,160 कोच व 700 इंजनों की खरीद की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सामानों के शेड के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का प्रमुख कार्यक्रम शुरू किया गया है। जेटली ने कहा, सुरक्षा प्रथम नीति के लिए राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष के तहत पर्याप्त धन का आवंटन किया गया, जिससे रेलवे की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित हो। उन्होंने कहा, रेल पटरियों के मरम्मत कार्य पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।