आठ साल पहले यात्री ने रेल दुर्घटना में गंवाने हाथ और पैर, मिला मुआवजा

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कोर्ट ने रेलवे को दिया आठ लाख देने का आदेश

रेल दुर्घटना में एक हाथ और एक पैर गंवाने वाले बिहार निवासी एक यात्री को करीब आठ साल के बाद न्याय मिला। न्यायालय ने पीड़ित यात्री को आठ लाख रुपये का मुआवजा तत्काल देने का आदेश दिया है।

बिहार के अधरपुर बेगूसराय निवासी पप्पू कुमार 24 दिसंबर 2008 को ट्रेन नंबर 2458 काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के द्वितीय श्रेणी के कोच में सफर कर रहा था। इसी दौरान गौरीगंज रेलवे स्टेशन के पास से गुजरते समय अचानक झटका लगने से वह गाड़ी से नीचे गिर गया।घटना में पप्पू का एक पैर और एक हाथ कट गया। पप्पू ने रेलवे दुर्घटना की क्षतिपूर्ति के लिए 16 सितंबर 2009 को रेल दावा अधिकरण लखनऊ पीठ में दावा पेश किया।

याची के अधिवक्ता एमएस खान ने बताया कि करीब आठ साल तक चली सुनवाई के बाद 31 मार्च को अधिकरण के सदस्य (न्याय) आरपी पांडेय ने आठ लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

अधिवक्ता के मुताबिक, एक हाथ कटने पर 6.40 लाख, जांघ से पैर कटने पर 5.60 लाख एवं शारीरिक कष्ट के लिए 1.60 लाख रुपये देने का प्रावधान है। लेकिन, ट्रेन दुर्घटना में रेलवे के द्वारा आठ लाख रुपये देने का प्रावधान है। इसी चलते आरपी पांडेय ने पीड़ित पप्पू को आठ लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश रेलवे को दिया है।

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