दिए ये निर्देश
कानपुर के पास पुखरायां में इंदौर–पटना एक्सप्रेस, रूरा में अजमेर सियालदाह एक्सप्रेस और कानपुर–लखनऊ सेक्शन में मालगाड़ी की बोगियां पटरी से उतर गईं। एक महीने में तीन बड़े डिरेलमेंट होने के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने सख्त तेवर अपनाए हैं। रेलमंत्री के निर्देश पर चेयरमैन रेलवे बोर्ड सहित सभी सदस्य 14 जनवरी से कानपुर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंच रहे हैं। जो कई पहलुओं पर विचार–विमर्श करेंगे।
20 दिसम्बर को पुखरायां में इंदौर पटना एक्सप्रेस(19321) की बोगियां पटरी से उतर गई थीं, जिसमें करीब डेढ़ सौ लोगों की मौत हो गई थी। वहीं हफ्तेभर बाद 28 दिसम्बर रूरा में अजमेर सियालदाह एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी और गत गुरुवार को कानपुर से लखनऊ आते वक्त मालगाड़ी की आठ बोगियां बेपटरी हो गईं। लगातार हो रहे डिरेलमेंट से रेलमंत्री सुरेश प्रभु की चिंता बढ़ गई। जिसकेबाद शुक्रवार को रेलवे बोर्ड सदस्यों के साथ उन्होंने बैठक की और कानपुर में शिविर लगाने के निर्देश दिए। शनिवार को रेलवे बोर्ड चेयरमैन एके मित्तल, मेम्बर रोलिंग स्टॉक रवींद्र गुप्ता, मेम्बर इंजीनियरिंग आदित्य मित्तल, एडवाइजर सेफ्टी विनोद कुमार, डीजी सिग्नल एण्ड टेलीकम्युनिकेशन अखिल अग्रवाल, आईजी आरपीएफ वगैरह कानपुर पहुंचेंगे। जहां रेल हादसों, ट्रैक, सिग्नल, सुरक्षा सहित अन्य मुद्दों पर जांच–पड़ताल कर रिपोर्ट तैयार करेंगे।