रेलवे बुकिंग कर्मचारियों की हुई आफत – अपनों से लेकर अधिकारियों तक का दबाव

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स्टेशनों पर स्टाल वालों ने भी लुटा

भारतीय रेलवे के लगभग हर बड़े स्टेशन पर ये नजारा आम था। रेलवे बुकिंग क्लर्क के पहचाने वालों के साथसाथ अधिकारी भी इस उम्मीद में बैठे थे कि पुराने नोट एक्सचेंज हो जायेंगे। जहां एक तरफ यात्री 500 रुपए का नोट लेकर टिकट लेने के लिए परेशान हो रहे थे तो दूसरी तरफ बुकिंग क्लर्क छोटे नोटों को अपने नजदीकी लोगों को पहुंचाने में व्यस्त थे। इस कारण कई काउंटर पर कुछ देर के लिए खुले नोट खत्म हो गए और यात्रियों की परेशानी बढ़ गई। कई स्टेशनों पर स्थिति को संभालने के लिए जीआरपी की मदद लेनी पड़ी।

भारत सरकार के 500 1000 रुपए से संबंधित आदेशों की जानकारी आमजन को नहीं है। इसका फायदा स्टेशन पर कार्यरत कुछ स्टाल संचालक बखूबी उठा रहे हैं।इन्होंने भोलेभाले यात्रियों को बेवकूफ बनाकर 500 रुपए का नोट बंद बताकर उसकी जगह 300 रुपए थमा दिए, आज जो भी यात्री 500 रुपए का नोट लेकर स्टाल पर आता तो उसे स्टाल संचालक कहते कि 200 या 300 रुपए का खाने का सामान ले लो अन्य पैसे खुले मिल जाएंगे। कहते हैं कि मुसीबत में मरता यात्री क्या करता, इसलिए मजबूरन कुछ यात्रियों को यह सौदा करना पड़ा।

बुकिंग क्लर्क भी नहीं रहे पीछे : रेलवेस्टेशन के यूटीएस काउंटर पर भी यह नजारा देखने काे मिला। जहां यात्रियों को छोटे नोट के चक्कर में परेशान होते देखा गया। टिकट काउंटर पर कुछ विंडो ऐसी थी, जहां यात्री छोटे नोटों से टिकट ले रहे थे।

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