डॉ.आर.पी.भटनागर
सभी मेरे साथियों, भाइयों, बहनों उनके संबंधियों, मित्रों एवं प्रियजनों को मेरी ओर से एवं सभी मुख्यालय पदाधिकारियों की ओर से नूतन वर्ष 2018 की ढेर सारी शुभकामनाएं। भगवान ऊपर वाला सभी जनों को सुखी, मंगलमय, स्वस्थ्यमय, दीर्घायु प्रदान करें और सभी पूरे वर्ष आनंद की जिंदगी बिताएं कोई कष्ट न आए। यह हमारी शुभकामनाएं हैं। आप सुखी रहे, स्वस्थ रहे, आनंदमय रहें और प्रभु के दिए हुए मार्गानुसार दुखीजनों की सेवा करें और कमजोर वर्ग को ऊपर उठाएं।
आज निम्न कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। पूंजीपतियों और ऊंचे-ऊंचे घरानों की सेवा में करोड़ों रुपए लगाकर उनके उत्थान की योजना बनाई जा रही है, जबकि गरीब और निम्न लेवल के कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। ढेरों रिक्त स्थान पड़े रहने से एक – एक आदमी को दो-दो आदमी का काम करना होता है। और उसका पूरी तरह से शोषण होता है। कोई इसकी चिंता नहीं करता। काम करने की कोई यार्डस्टिक नहीं है, कभी-कभी वगैरह रेस्ट और छुट्टियों के भी आवश्यक केटेगरी का काम करना होता है। नहीं करने पर उसको चार्ज शीट दी जाती है सताया जाता है। नियमित काम को भी ठेके पर दिया जाता है और देश के कानून कॉन्ट्रेक्ट एक्ट 1970 (एबोलीशन और रेग्युसन) का खुले आम उल्लंघन प्रशासन द्वारा किया जाता है, जबकि मंत्री महोदय यह ऐलान करते हैं कि रेलवे में ठेकेदारी नहीं आएगी यह रेलवे कर्मचारियों के साथ सर्वथा धोखा है और एक अविश्वसनीय कदम है। इन सब कि वजह से रेलवे में कमजोरी आ रही है। रेलवे देश की धमनियां रेलवे को कमजोर कर देश को कमजोर किया जा रहा है। आश्चर्य है यह बात प्रशासन के क्यों समझ नहीं आती। रेलवे का अतिरिक्त निर्माण होना भी देश के विकास के लिए आवश्यक है, लेकिन नए एसेट्स के रख-रखाव के लिए अगर स्टाफ नहीं दिया जाएगा तब कौन रेल को उस पर संरक्षित चला सकता और क्या हम अपने यात्रियों को सुरक्षित एवं आरामदायक सेवाएं दे पाएंगे। कुछ दुर्घटना होने पर हम किसी न किसी विभाग को टोपी पहनाने का यानी जिम्मेदार बनाने की कोशिश करेंगे। क्या यही प्रशासन की नैतिकता है? हर एक यात्री या कर्मचारी की जिंदगी अमूल्य होती है और प्रशासन किसी भी कीमत पर उनको नजर अंदाज नहीं कर सकती।
रेलवे कर्मचारी हर हालत में जीतोड़कर कठिन परिस्थितियों में कार्य करता है फिर भी उनकी न्यायोचित मांगों को नजरअंदाज किया जाता है। साथियों नव वर्ष में हम नए जोश के साथ एक जुट हो कर अपने राष्ट्रीय, रचनात्मक संगठन को मजबूत करें। बाबा साहब अंबेडकर साहेब के पद चिन्हों पर चलकर कर (1) शिक्षा (2) संगठित और (3) संघर्ष के रास्ते पर चल कर ही हम अपने न्यायोचित मांग प्राप्त कर सकते हैं।
साथियों आइए नए 2018 में अपने सच्चे संगठन सीआरएमएस / एनएफआईआर को मजबूत बना कर पहले की तरह कर्मचारियों की मांगों को प्राप्त कर सकें। जैसे दास कमेटी 1964 में डीए फार्मुला, मिंयां भाई कमीशन द्वारा 24 घंटे की ड्यूटी समाप्त करना, नाइट ड्यूटी अलाउंस, ओवर टाइम अलाउंस, केडर रिस्ट्रक्चरिंग इत्यादि करवाना। पे-कमीशन प्राप्त करवाना इत्यादि कर्मचारियों के हितों के कई मुद्दे सुलझाए और भविष्य में भी जारी है। हम मजबूत संगठन की शक्ति द्वारा ही अपनी जायज मांगें प्राप्त करते हैं आइए नव वर्ष में स्टाफ के हित के लिए, रेल व देश के हित के लिए सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ में 2018 में सम्मिलित होकर अपनी आवाज उठाएं।
सरकार ने हमारी पुरानी पेंशन स्कीम 1-1-2004 से समाप्त कर वफादार, मेहनती, खतरों को 24 घंटे झेलने वाले रेल कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। जहां रेल की उन्न्ति में हम दिन-रात मेहनत करते हुए कतराते नहीं हैं वहीं हम अपनी न्यायोचित मांगों के लिए भी पूर्ण शक्ति के साथ संघर्ष कर सकते हैं।
साथियों आइए सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ की शक्ति बढ़ाएं इसके सदस्य बनें। नये वर्ष 2018 में राष्ट्रीय भावनाओं से भरपूर तिरंगे झंडे वाले संगठन में शामिल हों।
पुन: नव वर्ष की सभी साथियों को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।