आएँगे जी आएँगे, अच्छे दिन यूँ आएँगे।…गीत

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सी.एम. उपाध्याय,

आएँगे जी आएँगे, अच्छे दिन यूँ आएँगे।
जाएँगे जी जाएँगे, भद्दे दिन भग जाएँगे।।
योगासन प्रारम्भ करो।
आँख, कान, मुँह बन्द करो।।
पेट भींचकर भीतर को।
साँसों को पाबन्द करो।।
उदर-पीठ दोनों हों एक, तब उनको हम भाएँगे।
आएँगे जी आएँगे, अच्छे दिन यूँ आएँगे।।
क्यों मेहनत तुम करते हो,
दिन – भर खटते रहते हो। 
करो राजनैतिक खेती,
भूख, प्यास क्यों सहते हो।
मंत्री बन पूँजीपति भी, तलवे तब सहलाएँगे।
आएँगे जी आएँगे, अच्छे दिन यूँ आएँगे।
तेरी पेंशन काट रहे,
खुद जीवन-भर चाट रहे।
उनकी इच्छा सदा यही,
खड़ी हमारी खाट रहे।
कुछ कर जीने को साथी, वरना जी ना पाएँगे।
आएँगे जी आएँगे, अच्छे दिन यूँ आएँगे।

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