बिलासपुर, राष्ट्रीय जनजाति आयोग अध्यक्ष नंद कुमार साय ने बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। वहीं रेलवे में भी बैठक लेकर वहां की व्यवस्था जाना। रेलवे की कैटरिंग व्यवस्था से वे नाखुश दिखे। राष्ट्रीय जनजाति आयोग अध्यक्ष नंद कुमार साय ने रेलवे कैटरिंग पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, कि खान-पान में काफी सुधार की जरूरत है। भोजन बनाते समय भारी अव्यवस्था और सेवा में लापरवाही की शिकायतें मिलती रहती हैं। इसमें रेलवे प्रशासन पूरी तरह से फेल है। रेलवे की कार्यप्रणाली से नाराज नंदकुमार साय ने कहा, कि रेल मंत्रालय ने अभी तक आदिवासियों को सिस्टम में जगह नहीं दी है। रेल विभाग ने अब तक निर्धारित आरक्षण का फायदा आदिवासियों को नहीं दिया है। यह मामला दिल्ली में मंत्रालय और बड़े नेताओं के सामने रखा जाएगा। साय ने कहा कि रेलवे के पास बेशुमार जमीन है। लेकिन उसका समुचित उपयोग नहीं किया जा रहा। रेलवे चाहे तो खाली जमीन का उपयोग व्यावसायिक तौर पर कर सकती है। लेकिन किसी प्रकार का प्रयास अब तक नहीं किया गया। एसईसीआर की गौरवशाली परंपरा को अधिकारी अच्छी तरह आगे बढ़ा रहे हैं। इसमें अनुसुचित जनजाति वर्ग के रेलकर्मियों की समस्याओं का समय पर निराकरण आवश्यक है। जोन में अनुसूचित जनजातीय वर्ग के रिक्त पदों पर भर्ती जल्द करें, ताकि बेरोजगार आदिवासियों को जल्द रोजगार मिल सके। यह निर्देश बुधवार को रेलवे जोनल सभागार में अनुसूचित जनजातीय आयोग अनूसूचित जनजातीय आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने रेलवे जीएम और अन्य अधिकारियों को बैठक के दौरान दिए। बैठक में जीएम सुनील सिंह ने एसईसीआर की उपलब्धियों की जानकारी दी। एसईसीआर के सचिव हिमांशु जैन ने पावर पाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जोन में उपलब्ध कराई जा रही यात्री सुविधाओं की जानकारी दी। बैठक में संजय कुमार कनौजिया, निज सचिव विनोद नागवंशी समेत एसईसीआर मुख्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष डीआरएम बिलासपुर, सचिव एसईसीआर, उप महाप्रबंधक समेत जोन व मंडल के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा की और कहा कि इन वर्ग के लोगों के लिए संचालित योजनाओं का समुचित लाभ मिले। मंथन में आयोजित बैठक में साय ने अलग-अलग विभागों से इस संबंध में जानकारी ली। अनुसूचित जाति, जनजाति की सुरक्षा, एट्रोसिटी की स्थिति है तो उसका निराकरण कैसे हो रहा, इस संबंध में अधिकारियों से पूछा। विभिन्न कार्यालयों में अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए रिक्त पद, पदोन्नति में आरक्षण के रोस्टर का पालन हो रहा है या नहीं, इस बारे में पूछा। विभिन्न विभागों में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लिए रिक्तपदों की बैकलॉग भर्ती के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत् शौचालय निर्माण, मनरेगा में भुगतान की स्थिति की जानकारी ली। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया