30 एवं 31 मई को संघ सदन, दादर में सीआरएमएस की वर्किंग कमेटी की मीटिंग का आयोजन किया गया। मध्य रेलवे के पांचों मंडलों से लगभग सभी सदस्य उपस्थित थे। संघ के अध्यक्ष डॉ. आर.पी. भटनागर की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में रेलवे की वर्तमान स्थिति एवं कामगारों की समस्याओं एवं आगामी चुनौतियों पर गहन विचार विमर्श हुआ एवं भविष्य की रणनीति तैयार की गई। परंपरा के अनुसार इस मीटिंग का शुभारंभ संघ के संस्थापक अध्यक्ष स्व. श्री एस.एम. शुक्ला की फोटो पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। डॉ. भटनागर के साथ सभी सदस्यों ने रामधुन गा कर वातावरण में ऊर्जा का संचार किया। अध्यक्ष की अनुमति से संघ के महामंत्री श्री प्रवीण बाजपेई ने पिछली कार्यकारिणी सभा का वृतांत पढक़र सुनाया एवं कोषाध्यक्ष श्री रामगोपाल निंबालकर ने अप्रैल एवं मई माह का लेखा जोखा सदन के समक्ष पेश किया जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। तदोपरांत डॉ. भटनागर ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि संघ के प्रत्येक सिपाही को अपनी भूमिका तय करनी है। आपसी भाई चारे को मजबूत करते हुए सभी को कामगारों की सेवा में जुट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के चलते आगे आने वाला समय चुनौतीपूर्ण होगा। नित नए तानाशाही आदेश निकालकर सरकार रेलवे को निजी हाथों में सौंपने की कुटिल चाल चल रही है। ऐसे समय में हमें सावधान रहने की जरूरत है। सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ एक देशभक्ति से परिपूर्ण संगठन है और ईमानदारी, कड़ी मेहनत एवं पक्का इरादा हमारी पहचान है। उन्होंने ट्रेड यूनियन आंदोलन को मजबूत करने हेतु कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए तदोपरांत कई सदस्यों ने अपने-अपने विचार सदन के समक्ष रखें।
संघ की गतिविधियों में और अधिक सुधार लाने हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी सामने आए जिन पर अध्यक्ष महोदय ने सहमति व्यक्त की एवं उन्हें लागू करने हेतु दिशानिर्देश जारी किए। दो दिनों तक चली यह मीटिंग काफी सार्थक एवं उद्देश्य पूर्ण रही।