गुजरात के राजकोट से मंगाया गया स्टीम इंजन, लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन की शोभा बढ़ाएगा। ऐतिहासिक गांधी उद्यान में डीजल शेड की ओर से इंजन को लगाया जा रहा है, जो करीब 60 साल पुराना है। इंजन को लगाने का काम शुरू हो गया है।

16 अप्रैल, 1853 बॉम्बे से थाणे के बीच पहली ट्रेन चलाई गई थी। 16 अप्रैल को भारतीय रेलवे की 164वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस मौके पर चारबाग रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण का काम भी शुरू किया गया। यह इंजन इसी के तहत यहां मंगाया गया है। 16 अप्रैल सुबह से ही इंजन को लगाने का काम शुरू कर दिया गया था। वहीं डीजल शेड अधिकारियों ने बताया कि स्टेशनों के सौंदर्यीकरण के लिए रेलवे बोर्ड की ओर से दो स्टीम इंजनों की स्वीकृति उत्तर रेलवे के लिए मिली थी। इसमें एक इंजन वाराणसी व दूसरा लखनऊ में लगाया जाना है। इसी क्रम में इंजन को लगाया जा रहा है, जो जल्द ही यात्रियों को आकर्षित करेगा। इसके अतिरिक्त मेट्रो से सफर करने वालों को भी लुभाएगा। रेलवे विशेषज्ञ बताते हैं कि पहले इस तरह के इंजन जोधपुर रेलवे की प्रॉपटी हुआ करते

थे। द्वितीय विश्वयुद्घ के छिड़ते ही जेआर लोकोमोटिवों को विदेशों, खासकर मिडिल ईस्ट देशों में भेजा गया।

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