वह दिन दूर नहीं जब इलाहाबाद जंक्शन, ट्रेन और रेलवे कालोनियों से निकलने वाले कूड़े से बिजली और खाद बनेगी। इस प्रस्ताव की रिपोर्ट रेलवे की निर्माण एजेंसी राइट्स को भेज दी गई है। बस कुछ महीनों का इंतजार है। प्रस्ताव स्वीकृत हो जाने पर ठेका हो जाएगा तो कूड़े-कचरे के निस्तारण का काम शुरू हो जाएगा।इलाहाबाद जंक्शन, ट्रेनों और रेलवे कालोनी से रोजाना एक ट्रक से अधिक कूड़ा निकलता है। इसका निस्तारण करने के लिए रेलवे, नगर निगम को सौंपता है लेकिन भविष्य में रेलवे इस कचरे का निस्तारण खुद ही करेगा। जिससे बिजली और खाद बनेगी। रेलवे ने अपनी निर्माण एजेंसी राइट्स को इसकी जिम्मेदारी दी है। पहले चरण में इलाहाबाद सहित ए-वन कटेगरी के दर्जनभर स्टेशनों के कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। कूड़ा निस्तारण का ठेका करने से पहले कई जानकारियां इलाहाबाद से मांगी गई थी। उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ बिजय कुमार ने बताया कि राइट्स को रिपोर्ट भेज दी गई है। बताया गया है कि यहां रोजाना एक ट्रक से अधिक कूड़ा निकलता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सॉलिड वेस्ट प्लांट लगाने के लिए कंपनी को जगह दी जाएगी। कंपनी यहां पर प्लांट लगाकर उस कूड़े का निस्तारण कर बिजली और खाद बनाएगी। इससे पहले कंपनी ने यहां कूड़े-कचरे से बिजली और गैस बनाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन कंपनी से बिजली ही बनाने को कहा गया है। सीपीआरओ ने बताया कि प्लांट से उत्पादित बिजली को रेलवे लेगा जबकि खाद की बिक्री होगी।