स्टॉपेज न होने पर भी रेलवे स्टाफ ने ट्रेन रुकवाकर की मदद
ग्वालियर, चलती ट्रेन में एक महिला को प्रसव पीड़ा उठी और महिला को तत्काल मदद दिलवाने के लिए रेलवे स्टाफ ने सक्रियता दिखाते हुए स्टॉपेज न होने पर भी ट्रेन रुकवाई। हालांकि महिला का प्रसव ट्रेन में ही हो गया था, लेकिन फिर भी प्रसव होने के बाद रेलवे और आरपीएफ स्टाफ की मदद से महिला को तत्काल अस्पताल भेजा जा सका।
रेलवे स्टाफ के साथ-साथ ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने भी महिला के परिजनों की मदद की। आपस में पैसा इकठ्ठा करके भी यात्रियों ने परिजनों को दिए।
सागर के पास एक गांव के रहने वाले प्रहलाद सिंह की पत्नी बसन्ती को 9 माह का गर्भ था। यह लोग हजरत निजामुद्दीन के एस-2 कोच में सवार हुए। प्रहलाद मजदूरी करता है लेकिन पत्नी गर्भवती थी, इसलिए उसने अपना और पत्नी का रिजर्वेशन करवाया। वह बर्थ नंबर-17 पर सवार थी। आगरा निकलते ही बसन्ती को प्रसव पीड़ा शुरू हुई।
प्रसव पीड़ा शुरू होते ही इनके अन्य परिजन भी वहां आ गए। ट्रेन में मौजूद अन्य महिलाएं मदद के लिए आगे आईं। ट्रेन में मौजूद रेलवे स्टाफ ने पहले तो ग्वालियर सूचित किया। लेकिन ट्रेन मुरैना भी नहीं पहुंच पाई और उसने बच्ची को जन्म दिया। चूंकि ट्रेन का स्टॉपेज हजरत निजामुद्दीन के बाद सीधे ग्वालियर है इसलिए रेलवे स्टाफ ने प्रसव होने के बाद तत्काल आरपीएफ स्टाफ को सूचित किया।
मुरैना में ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है। लेकिन रेलवे स्टाफ ने मानवता का परिचय देते हुए मुरैना में ही ट्रेन रुकवा दी। यहां नीचे उतरवाकर एंबुलेंस से भिजवाया गया। इससे पहले ट्रेन में यात्रियों ने आपस में चंदा किया और करीब 9 हजार रुपए उसके पति को सौंपे जिससे वह चिकित्सा सुविधा मुहैया करवा सके। आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर अमित मीणा ने बताया कि महिला और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। इन्हें मुरैना जिला अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है।