रेलवे में नौकरी के नाम पर 4.58 लाख की ठगी

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सहारनपुर के देवबंद में सिंचाई विभाग के बाद अब रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा किए जाने का खुलासा हुआ है। पुलिस ने एसएसपी के आदेश पर तीन लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करते हुए फर्जीवाड़े में शामिल दिल्ली के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।पीड़ित के मुताबिक इस फर्जीवाड़े में दिल्ली डीआरएम ऑफिस के भी तार जुड़े हुए हैं। कुरड़ी गांव निवासी बांकेलाल त्यागी के प्रार्थना पत्र पर एसएसपी ने कोतवाली पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे।

जिस पर छह मार्च को पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली थी, लेकिन इसे छुपाकर रखा गया था। इसका खुलासा मंगलवार को उस समय हुआ जब पुलिस ने फर्जीवाड़े में शामिल दिल्ली के राजनगर निवासी चंदनपाल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा। बांकेलाल त्यागी के मुताबिक उसका बेटा राहुल बेरोजगार है। बड़गांव के टपरी निवासी विकास कुमार से उसकी पुरानी पहचान थी। वर्ष 2014 के दिसंबर माह में विकास ने उससे कहा कि चंदनपाल रेलवे में बेटे की टीटीई के पद पर नौकरी लगवा देगा।वह विश्वास करके विकास के साथ चंदनपाल से मिलने दिल्ली चला गया। उसके बाद वह दोनों उसे डीआरएम ऑफिस लेकर गए। जहां उन्होंने विनोद नामक व्यक्ति से मुलाकात कराई। जिसने नौकरी लगवाने के नाम पर तीन लाख रुपये में सौदा तय किया।

आरोप है कि 30 दिसंबर 2014 को वह दो लाख रुपये और बेटे को साथ लेकर चंदनपाल के ऑफिस पहुंचा, जहां उसने बेटे से रेलवे का फार्म भरवाया। इसके बाद उसने अलग अलग तिथियों में चंदनपाल और विनोद के खातों में एक लाख रुपये डलवाए। 29 फरवरी 2016 को इन लोगों ने फिर से बेटे को लेकर दिल्ली आने का कहा। वह बेटे के साथ दिल्ली स्थित डीआरएम ऑफिस गया जहां चंदन और विनोद ने उन्हें फर्जी नियुक्ति और ट्रेनिंग लेटर देते अलग से डेढ़ लाख रुपये मांगे।इसके बाद उसने फिर से विभिन्न तारीखों में चंदन के खाते में एक लाख 58 हजार रुपये भेजे लेकिन न तो ट्रेनिंग हुई और न ही नौकरी लगी। शक होने पर उसने जानकारी की तो पता चला कि नियुक्ति और ट्रेनिंग लेटर फर्जी है।आरोप है कि जब उसने रुपये मांगे तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं बांकेलाल के मुताबिक इन लोगों ने गिरोह बनाया हुआ है और 7-8 लोगों से उन्होंने धोखाधड़ी कर लाखों रुपये हड़पे हुआ हैं।

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