हमारे रेलकर्मी भी इससे अछूते नहीं हैं, खासतौर पर हमारे युवा कामगार। काम का बोझ, मानसिक तनाव और इस पर संतुलित भोजन और व्यायाम नहीं। इन सब के कारण मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग, मोटापा आदि अनेक तरह की बीमारियों से ग्रस्त होकर हम दवाइयों के मोहताज बनते जा रहे हैं। इन बीमारियों के चलते कितने ही हमारे कामगारेां के बो अनाथ हो गए हैं। अब समय आ गया है जब हमें अपनी दिनचर्या व्यवस्थित करनी ही होगी।अपनी जीभ पर नियंत्रण करते हुए अपने पेट की भाषा को समझना होगा, योग को बढ़ावा देना होगा। हमारा यह मानना है कि इस मामले में संघ की शाखाएं एक अहम भूमिका अदा कर सकती हैं। एक मान्यता प्राप्त और कामगार हितैषी संगठन होने के नाते हमारा यह परम कर्तव्य है कि हम कामगारों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करें। जंक फूड का त्याग कर हम अपने भोजन में सलाद, हरी सब्जियों, दूध, छास, दही, फलों, अंकुरित दालों आदि को शामिल करें। भोजन के उपरांत कुछ देर चलने की आदत डालें, योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। तभी हम अपने मानव सेवा के लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। आए हम सब मिलकर स्वस्थ भारत के सपने को साकार करें।