दिल्ली सराय रोहिल्ला से चलकर उधमपुर जाने वाली एसी ट्रेन (22401) में एक वीआईपी चोर को पकड़ा गया है। वह एसी क्लास का टिकट लेकर सफर करता था और इस दौरान यात्रियों के गहने और नकदी उड़ा लेता था। वैध यात्रा करने और एसी कोच में सफर करने के चलते यात्रियों ही नहीं, टिकट निरीक्षकों को भी कोई शक नहीं होता था। इस चोर को काबू में करने के लिए रेलवे के एक अधिकारी को चोटें भी आई हैं। फिलहाल, वह रेलवे पुलिस की गिरफ्त में है। पता लगाया जा रहा है कि इस तरह की चोरी के मामलों में उसके साथी तो सक्रिय नहीं हैं। मामला दिल्ली सराय रोहिल्ला-उधमपुर एसी ट्रेन के कोच ए-2 का है। 24 अप्रैल की रात तीन बजे डिप्टी सीआईटी अब्दुल रशीद और अर्जुन सैनी को टिकट चेक करते वक्त यात्री कुलबीर सिंह निवासी अमृतसर पर शक हुआ। वह कोच में घूम रहा था। डिप्टी सीआईटी ने उससे टिकट चेक कराने को कहा गया। इस पर कुलबीर ने टिकट दिखाया, लेकिन डिप्टी सीआईटी को उस पर शक बना रहा। लुधियाना के पास एक बार फिर वह कपड़े बदलकर कोच में घूमता दिखा। इस पर दोनों डिप्टी सीआईटी ने उसकी तलाशी ली, तो उसके मोजों में गहने और नकदी मिली। इस दौरान चोर और डिप्टी सीआईटी के बीच हाथापाई भी हुई। कुलबीर ने उन पर कैंची से हमला कर दिया। किसी तरह दोनों ने उसको काबू किया और जीआरपी को सूचित किया। पठानकोट कैंट स्टेशन पर जीआरपी ने उसे अपने हवाले लिया। इसके बाद उसे जम्मू लाया गया। यहां उसे आरपीएफ के हवाले कर दिया गया। महंगे कपड़े और जूतों के साथ टिकट लेकर ट्रेन में सफर के दौरान कुलबीर ज्यादातर महिला यात्रियों को निशाना बनाता था। रात के वक्त जब महिला यात्री सो जाती थीं, तो वह उनका पर्स चुरा लेता था। इसके बाद बाथरूम में जाकर नकदी, गहने निकालकर पर्स वापस वहीं रख जाता था। वह मोबाइल की चोरी नहीं करता था। मंगलवार को हुई चोरी में उसने कोच बी-8, ए-1, ए-4 और एच-1 कोचों में यात्रियों को निशाना बनाया और लाखों रुपये की चोरी की। चोरी का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले अप्रैल 2015 में इसी ट्रेन में चोरी की वारदात हो चुकी है। उस दौरान भी सुरक्षा व्यवस्था की खामी की वजह से कई यात्रियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।