जमशेदपुर : 16 साल पहले रेलवे स्टेशन में मिली थी चार साल की बच्ची को एक अनजान व्यक्ति ने कदमा शिशु निकेतन पहुंचा दिया था। वह यहीं पली–बढ़ी व पढ़ी। नन्ही सी बच्ची 20 साल की हो गई और 25 जनवरी को रानीकुदर के परेश ढोलकिया ने अादर्श शादी की।
ये कहानी है वंदना की। 16 साल पहले वह बिलखती आई थी, इस पल भी आंखें नम थी। फर्क इतना, तब माता–पिता उसे स्टेशन छोड़ गए थे। अब उसे प्यार करने वाले पति का सहारा मिला। उसने धूमधाम से समाज के सामनेे शादी की। टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन की पत्नी सहित कई लोग इस पल के गवाह बने। समाजसेवी महेंद्र गुप्ता ने कन्यादान किया तो परेश के पिता मानु ढोलकिया सहित सभी रिश्तेदार उपस्थित थे।
दुल्हन वंदना ने कहा : मैंने होश संभाला तो शिशु निकेतन के लोगों को देखा। यही मेरा घर है और यहां के लोग मेरा परिवार। यहां के सदस्यों ने कभी मुझे एहसास नहीं होने दिया कि मैं अकेले हूं। अब नए जीवन की शुरुआत करने जा रही हूं। मुझे चाहने वाला साथी मिला, यह मेरा सौभाग्य है। मैं उनको, उनके घर के सदस्यों को शिकायत का मौका नहीं दूंगी।
दूल्हा परेश ने कहा : दुर्गा पूजा के दौरान मैंने कदमा में वंदना को देखा था। उसकी मासूमियत मुझे भा गई थी। तभी मैंने तय कर लिया था कि वो तैयार होगी तो शादी कर लूंगा। दोस्तों की मदद से तीन महीने लगे उसे तलाशने में। उसके माता–पिता नहीं हैं। मैंने पापा से बात की तो वे मान गए। अब वंदना मेरी है। उसे जीवन की तमाम खुशियां दूंगा।
ऑल इंडिया वुमेन कॉन्फ्रेंस निकेतन को संचालित करता है। निकेतन की प्रभारी स्नेहा नंदी ने बताया कि वह चार साल की थी जब यहां आई थी। रानीकुदर के परेश के साथ शादी हुई। परेश बिष्टुपुर में इंश्योंरेंस का काम करता है। निकेतन की ट्रस्टी डेजी ईरानी, बेली बोधन वाला, वसुधा देशमुख, रुचि नरेंद्रन, अध्यक्ष श्रीमंती सेन, वंदना माथुर ने बारात का स्वागत किया।