ट्रेन के ए.सी. कोच में सफर करते वक्त गंदे चादर-कंबल व बिस्तर की शिकायत अक्सर यात्रियों की तरफ से की जाती रहती है लेकिन रेलवे अब उन्हें इस समस्या से निजात दिलाने वाला है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की मदद से रेलवे इस समस्या के समाधान पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक नई योजना दिसम्बर के अंत से लागू हो सकती है। इसके तहत रेलवे के ए.सी. कोच के यात्रियों को विकल्प दिया जाएगा कि क्या वह साफ-सुथरी नई बैड किट चाहते हैं। अगर वह इस विकल्प का चुनाव करते हैं तो उन्हें महज 250 रुपए के शुल्क पर खादी की एक बैड किट उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें एक तौलिया, सिंगल शीट, डबल शीट और तकिया कवर होगा। उपयोग के बाद यात्री इस किट को अपने साथ घर ले जा सकेंगे।
तैयारी में जुटे खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग सूत्रों के मुताबिक रेलवे को यह बैड किट आयोग उपलब्ध कराएगा। इस संबंधी तैयारियां जोरों पर हैं तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की तरफ से सप्लाई पूरी करने के लिए अपने स्तर पर प्रबंध किए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावना के अनुरूप रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यह प्रस्ताव आगे बढ़ाया है। योजना लागू हुई तो यात्रियों को यात्रा की शुरुआत में ही खादी की नई बैड किट उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके अलावा सभी यात्रियों को कंबल, तकिया आदि पहले की तरह उपलब्ध कराए जाते रहेंगे। कुछ दिक्कतें भी हालांकि नई बैड किट उपलब्ध कराने की योजना में दिक्कतें भी हैं। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक नियमित यात्रियों के मामले में सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे एक बार नई बैड किट खरीदने के बाद क्या अगली बार भी उसे खरीदेंगे। दूसरी बात यह कि नई बैड किट के साथ पुराने चादर-कंबल-तकिया-तौलिया आदि का इंतजाम भी ट्रेनों में रखना होगा ताकि जो यात्री नई किट का विकल्प नहीं चुनते उन्हें दिक्कत न हो। तीसरी समस्या यह है कि आखिरी समय में टिकट बुक कराने वाले जो यात्री नई बैड किट का विकल्प चुनते हैं उन्हें मौके पर वह कैसे उपलब्ध कराई जाएगी। उधर जानकारों का कहना है कि योजना लागू करने से पहले ही इन तमाम चुनौतियों से निपटने पर सरकार को अपने स्तर पर ही विचार करना होगा क्योंकि दुनिया में कहीं भी इस तरह का कोई मॉडल नहीं है जिससे कुछ जानकारी ली जा सके। ऐसे में सभी पहलुओं, आने वाली चुनौतियों और उनके संभावित समाधान आदि पर पूरी तरह विचार-विमर्श करने के बाद ही यह योजना लागू की जाएगी।