नई दिल्ली, दिल्ली को भले ही दिलवालों का शहर कहा जाता है, लेकिन यहां के लोग मुफ्त में रेल यात्रा में शान समझते हैं। हालत यह है कि सिर्फ तीन लोकल ट्रेनों में रेलवे ने छापेमारी की तो एक दिन में 1408 से ज्यादा बेटिकट यात्री पकड़े गए।
यह छापेमारी दिल्ली के शाहदरा रेल स्टेशन पर रेलवे के विशेष मजिस्ट्रेट अरुण गोयल की मौजूदगी में मारी गई थी। बेटिकट यात्रियों से सात लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया है। 145 को मजिस्ट्रेट के सामने भी पेश किया गया।
इस छापेमारी में रेलवे के कुछ अधिकारियों के अलावा 77 टीटीई और आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) के इंस्पेक्टर अनिल कुमार के नेतृत्व में 55 जवान शामिल हुए। कार्रवाई के लिए शाहदरा स्टेशन पर ही रेलवे कोर्ट बनाई गई थी। टीम ने सुबह आठ से दोपहर दो बजे के बीच शामली से पुरानी दिल्ली आने वाली तीन ट्रेनों में छापा मारा। यहां सभी यात्रियों के टिकट मांगे गए। लेकिन आधे से अधिक यात्रियों के पास टिकट नहीं था।
टीटीई ने 1263 यात्रियों को रेलवे का चालान थमाया। इन यात्रियों से कुल 5,95,478 रुपये जुर्माना लिया गया। 145 यात्रियों ने ट्रेन में जुर्माना नहीं दिया तो उन्हें आरपीएफ ने पक?कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। मजिस्ट्रेट के समक्ष 131 यात्रियों से करीब 1,01,300 रुपये जुर्माना लिया गया। 11 लोगों को सुनवाई पूरी होने तक जेल में रखने का आदेश दिया गया। तीन यात्रियों को अंतिम चेतावनी देकर छोड़ा गया।
बता दें कि शाहदरा स्टेशन पर दो महीने के भीतर चौथी बार अभियान चलाया गया है। यहां अब तक करीब तीन हजार बेटिकट यात्री पकड़े जा चुके हैं।
ऐसे होता है जुर्माना
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक बेटिकट यात्रियों से पूरी यात्रा का किराया वसूला जाता है। अगर वह ट्रेन में जुर्माना भरता है तो ढाई सौ रुपये रेलवे जुर्माने के तौर पर लेता है। ट्रेन में जुर्माना नहीं देने पर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता है। यहां यात्रा किराया और रेलवे के जुर्माने के साथ कोर्ट फीस के तौर पर 550 रुपये अतिरिक्त भरना पड़ता है। यानी मजिस्ट्रेट के सामने कुल आठ सौ रुपये का जुर्माना देना पड़ता है। जुर्माना न देने की सूरत में कोर्ट यात्री को जेल भी भेज सकती है।