नई दिल्ली, रेलवे अब अपने स्टेशनों के बाद ट्रेनों की सफाई के साथ ही खाने पीने और कर्मचारियों के व्यवहार की भी रैंकिंग कराने की तैयारी में है। रेलवे की प्लानिंग है कि स्टेशनों की स्वच्छता की रैंकिंग भी अब साल में एक बार की बजाय हर 6 महीने में कराई जाए। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, रेलवे की योजना स्टेशनों की तरह ही महत्वपूर्ण ट्रेनों राजधानी, शताब्दी जैसी 200 ट्रेनों की रैंकिंग कराने की है। इनमें दुरंतों और कुछ अन्य मेल एक्सप्रेस ट्रेनों को भी शामिल किया जा सकता है। इसकी जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को दी गई है।

रेल अधिकारियों का कहना है कि स्वच्छता की रैंकिंग के मामले में रेलवे को बेहतर अनुभव हासिल हुआ है। पिछली बार फिसड्डी रह गए कई रेलवे स्टेशनों पर अफसरों ने सफाई को गंभीरता से लिया और अब ऐसे स्टेशनों ने रैंकिंग में जबरदस्त सुधार किया है। इसी वजह से रेलवे चाहता है कि ट्रेनों की भी रैंकिंग कराई जाए, लेकिन रेलवे सिर्फ ट्रेनों की सफाई की नहीं बल्कि अन्य पहलुओं की भी रैंकिंग कराने के पक्ष में हैं। सफाई के अलावा रैंकिंग में ट्रेन की टाइमिंग, खानपान और ट्रेन के कर्मचारियों के व्यवहार की भी रैंकिंग कराई जाए। अधिकारियों का कहना है कि हालांकि अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है कि खराब रैंकिंग वाली ट्रेनों के स्टाफ पर कोई ऐक्शन लिया जाएगा या नहीं, लेकिन जब रैंकिंग सार्वजनिक होगी तो खराब रैंकिंग वाली ट्रेनों के कर्मचारियों को शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ेगा।

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