यूपी के कासगंज में रेलवे और आरपीएफ में विवाद

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थाने पर हुआ पथराव

यूपी के कासगंज में आरपीएफ सिपाहियों द्वारा रेलवे चालकों को पीटे जाने का मामला इतना बढ़ गया कि रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाली सारी ट्रेनें खड़ी कर दी गईं। आरपीएफ थाने के सामने धरना शुरू हो गया। नारेबाजी की गई। थाने पर पथराव की भी सूचना है। इस घटना में करीब 5 हजार यात्री फंसे हुए हैं। घटना की खबर इज्जतनगर (बरेली)  मंडल में डीआरएम को  दे दी गई है। वे मौके के लिए रवाना हो रहे हैं। हुआ यूं कि मथुरा-फर्रुखाबाद फास्ट पैसेंजर के महिला कोच में कुछ पुरुष यात्री बैठे थे। आरपीएफ के सिपाही उन्हें हटाने लगे। कोच में ही रेलवे का  चालक प्रेम किशोर भी बैठा था। सिपाहियों ने उसे भी चालक  समझ उससे अभद्रता कर दी। यह बात उसने अपने साथी चालक आरके त्रिपाठी को बताई तो वह भी मौके पर आ गया। इसके बाद आरपीएफ सिपाहियों ने दोनों चालकों से मारपीट कर दी। इसमें प्रेम किशोर गंभीर रूप से घायल हो गया। चालकों का आरोप है कि सिपाही नशे में थे। इस घटना में यात्री भी चालकों के साथ आ गए। ट्रेन वहीं खड़ी कर दी गई। उसी  समय एक और ट्रेन फर्रुखाबाद के लिए जाने को तैयार थी। इस घटना के बाद उसके चालक भी ट्रेन खड़ी कर विवाद में आ गए। इन सभी के पक्ष में रेलवे का सारा स्टाफ आ गया। उधर दोनों ट्रेनें खड़ी होने पर परेशान यात्रियों  ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद जनता ने माजरा समझ आरपीएफ थाने पर पथराव कर दिया। कुछ देर में फर्रुखाबाद की ओर से मथुरा जाने के लिए एक ट्रेन और आ गई। हंगामा कर रहे यात्रियों ने ट्रेन के सामने खड़े होकर उसे भी रोक लिया। चालक ने भी गाड़ी वहीं खड़ी कर दी। इसके बाद रेलवे कर्मी और वेंडर आरपीएफ थाने के सामने धरना देने लगे। नारेबाजी की। एक मालगाड़ी और एक अन्य ट्रेन को भी जाने से रोक दिया गया। कासगंज पुलिस भी आ गई। कई  थानों का फोर्स पहुंच गया। रेलवे के घायल चालक को मेडिकल के लिए भेजा। बरेली के इज्जतनगर रेल मंडल में बैठने वाले डीआरएम को सूचना दे दी गई है। वे भी मौके के लिए निकल रहे हैं।
सोरों में पूर्णमासी का मेला, इसलिए भीड़ अधिक
सोरों के गंगा घाट पर पूर्णमासी को लगने वाले मेले की वजह से यात्रियों की संख्या काफी थी। ट्रेनें जहां की तहां खड़ी होने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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