मजदूर की कलम से…

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सिग्नल और टेलीकॉम कर्मचारी की व्यथा

इंडियन रेलवे के सामान्य नियम केवल सिग्नल विभाग द्वारा लागु और कार्यान्वित किए जाते हैं; भारतीय रेलवे की सभी संरक्षा, गति और वक्तव्य एस एंड टी विभाग के इंटरलॉकिंग की सुविधा के कारण है। सामान्य परिस्थितियों में और प्रमाणित इंटरलॉकिंग के साथ कोई भी विशेषज्ञ असुरक्षित ट्रेन ऑपरेशन को अंजाम नहीं दे सकता है। दूरसंचार के बिना कोई परिवहन संगठन आर्थिक रूप से विकसित नहीं हो सकता है। भारतीय रेल का सिग्नल विभाग दिमाग, रीढ़ की हड्डी और आँख है जबकि दूरसंचार विभाग एक मज्जारज्जू प्रणाली, आवाज और कान हैं। 
– क्या आप दिमाग, रीढ़ की हड्डी, मज्जारज्जू प्रणाली, आवाज, आंखें और कान के बिना जीवित मानव की कल्पना कर    सकते हैं?
–  हम से ड्राइवरों का आत्मविश्वास हैं।
– हम से स्टेशन मास्टर्स का आत्मविश्वास हैं।
– हम से प्रत्येक बुकिंग, लेखा, राजस्व तुरन्त और बिना किसी त्रुटि के हैं।
– हम से ग्राहकों का रेलवे पर भरोसा बना है।
– हम से  रेलवे की अर्थव्यवस्था हैं।
– हम से भारतीय रेलवे के हर अंश अपडेट हैं।
– हमें इस बात पर गर्व है कि हम वह भारतीय रेलवे प्रदान करते हैं, जो सब कुछ से कम नहीं हैं।
– हमें भारतीय रेलवे के अन्य विभागों के महत्व को कम दिखाने में कोई रस नहीं है; लेकिन हमारा महत्व निश्चित रूप से    है। प्रशासन को भी हमारा कोई महत्व नहीं है। हर कोई अपनी जगह हमें भेदभाव और अपमानजनक रूप से प्रताडि़त        करने में अपनी सुपरपॉवर्स दिखाते हैं।
– यदि भारतीय रेलवे को सिग्नल और दूरसंचार विभाग में महत्व नहीं है, तो बस एक बार सिगनलिंग और दूरसंचार          व्यवस्था बंद करने के बारे में कल्पना करे। अगर कल्पना नहीं की जा सकती है, तो बस इसे करके देखे, क्योंकि            कल्पना केवल तब संभव है जब कोई इसे महसूस करता है।
सुनील बेंडाले,
एस एंड टी स्टाफ की अनेक समस्याएं हैं। हर वेतन आयोग में हमारे हितों को दरकिनार किया गया। मुझे इस बात की खुशी है कि सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ हमारी समस्याओं एवं कठिनाइयों के प्रति गंभीर है और उन्हें दूर करने के लिए फेडरेशन स्तर तक प्रयास जारी है। इसी कड़ी में सीआरएमएस ने एस एंड टी स्टाफ की जोनल कॉन्फ्रेंस 22 जून को आयोजित की है। जो स्वागत योग्य है। एनएफआईआर के महामंत्री डॉ. एम. राघवैय्या, कार्याध्यक्ष डॉ. आर.पी. भटनागर एवं अनेक प्रशासनिक अधिकारी इस महाकुंभ में भाग लेंगे। निश्चय ही इससे एस एंड टी को अपनी मांगों को रखने का एक बड़ा अवसर प्राप्त होगा।

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