रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने दिया सुझाव
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार (8 जून) रेलकर्मियों को उनके कामकाज के प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कार या सजा देने की व्यवस्था की वकालत की। उन्होंने सबसे ऊपरी स्तर पर कुछ बदलावों से शुरुआत करने का सुझाव दिया जिसे बेहतर नतीजे हासिल करने के लिये बाद में जमीनी स्तर पर भी लागू किया जा सके। उन्होंने रेलवे के मानव संसाधन प्रबंधन पर एक गोलमेज सम्मेलन में कहा, ‘‘जो लोग अच्छा काम करते हैं उन्हें इनाम मिलना चाहिये। हमें इसे व्यवस्था में लागू करना होगा। बेहतर प्रदर्शन को कैसे सामने लाया जाए और इसकी पहचान हो तथा इसके साथ ही अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वालों को कैसे दंडित करना है यह भी देखा जाना चाहिये।’’
रेलवे में करीब 13 लाख लोग काम करते हैं और यह 17 जोन और 68 मंडलों में बंटा है। प्रभु ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिये, अगर हम कोई परियोजना चला रहे हैं और कोई उसे रिकॉर्ड समय में पूरा कर देता है तब इस परियोजना का अनुपालन कर रही टीम को पुरस्कार मिलना चाहिये। इसी तरह अगर कोई शख्स देरी करता है और संगठन को नुकसान पहुंचाता है, उसे दंडित किया जाना चाहिये।’’
रेलवे को विशिष्ट संगठन बताते हुये मंत्री ने कहा कि रेलवे में लाभ संभव है लेकिन सामाजिक बाध्यताओं को पूरा करते हुये इसे हासिल नहीं किया जा सकता। संगठन में बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित करते हुये उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे में बदलाव आ सकता है जब हम ये समझें कि कमियां कहां हैं। हमें हर हाल में यह समझना होगा कि हम कहां खड़े हैं।’’
आपको बता दें कि रेल मंत्री सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। किसी भी यात्री की समस्या को वो ट्वीटर के जरिए ही सुलझा देते हैं। उनके इस काम से उन्हें काफी सराहा जाता है। उन्होंने रेलवे में सुधार के लिए कई कदम उठाया है। चाहे वो स्वच्छता को लेकर हो, या फिर टिकटों की कालाबाजारी को लेकर। अभी हाल ही में उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा ट्विटर पर दिया गया नई रेल लाइन का प्रस्ताव तीन मिनट के अंदर स्वीकार कर लिया। मुख्यमंत्री ने परियोजना की आधी लागत साझा करने की पेशकश की, जिसे रेल मंत्री ने स्वीकार कर लिया।
पटनायक ने 28 अप्रैल को रात दस बजकर चार मिनट पर ट्विटर पर पुरी और कोणार्क के बीच नई लाइन का प्रस्ताव दिया था और प्रभु ने दस बजकर आठ मिनट पर सकारात्मक जवाब दिया। रेल मंत्री सोशल मीडिया पर एक्टिव होने के अलावा रेलवे में काम को लेकर काफी सख्त भी हैं। कुछ दिनों पहले ट्रेनों के देरी से चलने की बढ़ती शिकायतों के बीच रेल मंत्री ने संबधित अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा था कि वे समय की पाबंदी में सुधार लाएं या कार्रवाई का सामना करें।