रेलवे विभाग की ओर प्रत्येक वर्ष बजट के दौरान अपने उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, तो वहीं दीनानगर नगर का रेलवे स्टेशन रेल मंत्रालय के इन दावों की पोल खोल रहा है।
रेलवे विभाग द्वारा रेलवे स्टेशन को लंबा तो कर दिया गया है परंतु पूरे स्टेशन पर पीने के पानी की सुविधा नहीं है। रेलवे स्टेशन पर कैंटीन की सुविधा भी नहीं है। दीनानगर में तीन गाडिय़ों का क्रास होता है जब दोनों ट्रैक पर गाडिय़ां होती हैं तो यात्रियों को रेलवे ट्रैक क्रास कर जाना पड़ता है। सुविधाओं की कमी व लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव न होने के कारण यात्रियों अधिक किराया खर्च कर पठानकोट कैंट से ट्रेनों को पकडऩा पड़ रहा है। दीनानगर का रेलवे प्लेट फार्म काफी लंबा है। स्टेशन पर शेड का निर्माण भी करवाया गया है परंतु रेलवे स्टेशन के शौचालय पर सदा ताला जड़ा रहता है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी होती है। स्टेशन के आसपास गंदगी के ढेर लगे रहते हैं, जिन्हें साफ नहीं किया जाता। रेलवे स्टेशन से अवांखा की ओर जाने वाली ङ्क्षलक सडक़ जिसे रेलवे विभाग के अधीन बताया जाता है, इसका निर्माण कई वर्षो से न होने के कारण गांवों से शहर की तरफ आते विद्यार्थियों व आम लोगों को भारी परेशानी होती है। दीनानगर रेलवे स्टेशन से दिल्ली की ओर से दो गाडिय़ां जाती हैं। मूरी एक्सप्रेस का ठहराव दीनानगर में रखा गया है परंतु पठानकोट से दिल्ली जाने वाली गाड़ी का दीनानगर में ठहराव नहीं रखा गया, जिस कारण दीनानगर क्षेत्र के यात्रियों को गुरदासपुर या पठानकोट जाकर ट्रेन पकडऩी पड़ती है। 25 हजार से अधिक आबादी वाले इस शहर से जम्मू से चलकर पठानकोट से अमृतसर और फिर बङ्क्षठडा जाने वाली गाड़ी का ठहराव भी दीनानगर में नहीं रखा गया। दीनानगर निवासियों ने गाडिय़ों के ठहराव को लेकर संघर्ष भी किया था। डीआरएम के दीनानगर पहुंचने पर लगभग चार वर्ष पहले एक ज्ञापन भी दिया गया था, जिसमें से कुछ मांगों को प्रवानगी मिल गई थी परंतु गाडिय़ों के ठहराव को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया। दीनानगर निवासी राजेश महाजन, नङ्क्षरदर पाल ङ्क्षसह, दिनेश ङ्क्षसह, मनोहर लाल, वरिन्दर पाल, जोगिन्दर ङ्क्षसह, रछपाल ङ्क्षसह, मनोज कुमार तथा सुरिन्दर कुमार ने बताया कि विभाग दोनों प्लेटफार्म के बीच पुल का निर्माण करवाए। स्टेशन के आसपास सफाई की उचित व्यवस्था की जाए और यात्रियों की सुविधा के लिए दीनानगर रेलवे स्टेशन पर सभी गाडिय़ों का ठहराव यकीनी बनाया जाए। उन्होंने मांग की कि सुबह 9 से दोपहर एक बजे के बीच कम से कम एक गाड़ी इस बीच और चलाई जाए। स्टेशन मास्टर सुरेंद्र कुमार का कहना है कि इन सभी समस्याओं संबंधी रेलवे के आईओडब्ल्यू ब्रांच के उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। जब भी विभाग की ओर से इन समस्याओं की प्रपोजलों की स्वीकृति दे दी जाएगी, तो वह पहल के आधार परहल कर दिया जाएगा।