मुंबई, इस साल भी बारिश के दौरान ट्रैक पर पानी तो नहीं भर जाएगा? यह सवाल तो लाइफलाइन से सफर करने वाले हर मुंबईकर को परेशान कर रहा है। लेकिन इसके नाम पर सालों से खर्च हुए 23 करोड़ रुपये का बीएमसी अब रेलवे से हिसाब मांग रही है। हर साल मॉनसून से पहले करोड़ रुपये सफाई पर खर्च करने के बावजूद पटरियों पर पानी भरने का नजारा दिखता है।
बीएमसी द्वारा रेलवे की सीमा में नाले सफाई के लिए पैसे दिए जाते हैं, जिसकी सहायता से रेलवे प्रशासन सफाई का काम पूरा करता है। बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें ऑडिट रिपोर्ट नहीं मिली है, इसलिए हमने एक साथ रिपोर्ट देने की मांग की है। हालांकि, रेलवे प्रशासन हर साल ऑडिट कर उसे बीएमसी को सौंपने की बात कह रहा है।
पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी रवींदर भाकर ने बताया कि हमें बीएमसी का पत्र प्राप्त हुआ है। हम जल्द ही रिपोर्ट दे देंगे। वैसे भी हम अपनी ओर से हर साल ऑडिट करते हैं। वहीं, बीएमसी के नाले विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हम तो हर साल उनकी मांग के अनुसार पैसे देते हैं। लेकिन नतीजे फिर भी कोई खास नहीं दिखाई देते। हम संयुक्त दौरे के दौरान भी ऑडिट रिपोर्ट देने का अनुरोध करते हैं।