उत्तर दिनाजपुर जिले के राधिकापुर होकर भारत और बांग्लादेश के बीच ट्रेनों की आवाजाही शीघ्र प्रारम्भ होगी। इसके साथ ही उत्तर बंगाल के इस सीमा पर भी भारत और बांग्लादेश के बीच रेल संपर्क स्थापित हो जायेगा।रेल पटरियों को बिछाने का काम पहले ही संपन्न हो चुका है और रेलवे ने ट्रायल रन भी पूरा कर लिया है। कालियागंज ब्लॉक के राधिकापुर से होकर उस पार बांग्लादेश के जीरो प्वाइंट तक रेल पटरियां बिछा दी गयी हैं।
सरकार भारत–बांग्लादेश–नेपाल और म्यांमार तक रेल संपर्क स्थापित करने संबंधी सार्क समझौते के अनुसार काम कर रही है। फिलहाल यह रूट चालू हो जाने के बाद यहां से मालगाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जायेगी। ऐसा नहीं है कि पहले यहां रेल संपर्क बहाल नहीं था। 2004 तक इस रूट से दोनों देशों के बीच मालगाड़ियों की आवाजाही होती थी। बाद में छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलने का निर्णय लिया गया। तब से लेकर अब तक बड़ी लाइन बनाने का काम चल रहा था। रेल पथ बनाने का काम अब पूरा हो चुका है एवं वर्तमान में इससे संबंधित दूसरे निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। यह भी करीब–करीब पूरा होने को है। गेट निर्माण का काम भी करीब–करीब पूरा हो चुका है। बीएसएफ के कार्यालय भी रेलवे द्वारा बना दिये गये हैं। अब यहां इमीग्रेशन चेकपोस्ट की स्थापना हो रही है।
इसके लिए कार्यालय बनाने का काम जोर–शोर से चल रहा है। कार्यों की जिम्मेवारी संभाल रहे ठेके कंपनी के अधिकारी विश्वजीत घोष का कहना है कि करीब–करीब सभी काम पूरा होने को है। ऐसे 18 दिसंबर को ही दोनों देशों के बीच रेलवे की आवाजाही शुरू हो जानी थी। फिलहाल इसकी तिथि को टाल दिया गया है। अगले महीने जनवरी के शुरू में ही दोनों देशों के बीच इस रूट से मालगाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जायेगी।
इस रेल संपर्क के स्थापित होने पर जिले के लोगों खासकर कारोबारियों ने खुशी जाहिर की है। कालियागंज व्यवसायी समिति के सचिव सुनील साहा ने बताया है कि दोनों देशों के बीच इस रूट से रेल संपर्क स्थापित होना एक अच्छी पहल है। फिलहाल मालगाड़ियों की आवाजाही होगी, लेकिन बाद में यात्री ट्रेनों की आवाजाही भी शुरू होने की संभावना है। रेलवे मानचित्र पर उत्तर दिनाजपुर जिले का और अधिक नाम होगा।