हावड़ा-दिल्ली समेत 23 स्टेशनों को बेचने की तैयारी में रेलवे!

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नई दिलली, भारतीय रेलवे के 23 स्टेशन बिकने जा रहे हैं। यहां की साफ-सफाई से लेकर विज्ञापन और अन्य सभी तरह के कामकाज अब निजी कंपनियां देखेंगी। रेलवे अपने जिम्मे सिर्फ ट्रेन चलाना, टिकट काटना और पार्सल की जिम्मेदारी रखेगा।
इन स्टेशनों को निजी कंपनियां अपने हाथ में रखेंगी। वहां निर्धारित राशि में यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ स्टेशनों को नए कलेवर में तैयार किया जाएगा। इसके लिए रेलवे ने स्टेशनों की अहमियत के आधार पर वहां विकास कार्य की राशि तय कर दी है। विकास कार्य करने वाली कंपनियों के पास उस स्टेशन से विज्ञापन और अन्य स्रोतों से आने (टिकट और पार्सल को छोडक़र) वाली आय का मालिकाना हक 45 वर्षों के लिए होगा।
देश भर के केंद्रीय विद्यालयों में अनिवार्य होगा योग : रेलवे ने सबसे ज्यादा कीमत हावड़ा स्टेशन की रखी है। हावड़ा को 400 करोड़, उसके बाद चेन्नई सेंट्रल स्टेशन को 350 करोड़ रुपए से संवारा जाएगा। रेलवे के मुताबिक, निजी निवेश से इन स्टेशनों की सेवाएं विश्वस्तरीय होंगी। निजी हाथों में जाने से यात्री सुविधाएं बेहतर और प्रभावी हो जाएंगी। रेलवे के पास सिर्फ परिचालन, रेलवे ट्रैक और सुरक्षा का ही जिम्मा बचेगा। स्टेशन से होने वाली आमदनी में कंपनी और रेलवे की हिस्सेदारी अभी तय नहीं हो पाई है। कुल आमदनी का आधा-आधा या फिर निजी सेक्टर को 67 व रेलवे को 33 फीसदी का लाभ देने पर सहमति बन सकती है। रेलवे अधिकारियों का अनुमान है कि स्टेशन की व्यवस्थाएं, खाना-पीना, पार्सल, सफाई, रिटायरिंग रूम का काम निजी हाथों में जाने के बाद रेलवे स्टॉफ पर हर महीने खर्च होने वाले 70 करोड़ रुपए का भार खत्म हो जाएगा। लगभग इतनी ही राशि रेलवे संसाधन और सुविधाओं पर खर्च करता है। वह भी बच जाएगी।
इन स्टेशनों को लीज पर बेचा जाएगा : लोकमान्य तिलक, पुणे, ठाणे, विशाखापत्तनम, हावड़ा, इलाहाबाद, कानपुर सेंट्रल, उदयपुर सिटी, कामख्या, जम्मूतवी, फरीदाबाद, दिल्ली, विजयवाड़ा, सिंकन्द्राबाद, रांची, बेंगलुरु कैंट, यशवंतपुर, चेन्नई सेंट्रल, कालीकट, भोपाल, इंदौर, मुंबई सेंट्रल, बांद्रा टर्मिनल और बोरीवली।

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