सरकार ने बनाई नई योजना
नई दिल्ली, सरकार की देशभर में लगभग 1,000 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि स्टोर खोलने की योजना है ताकि आम जनता को गुणवत्ता वाली दवाएं किफायती दाम पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जा सके। विभिन्न राज्यों में इस तरह के स्टोर बस अड्डों पर भी खोलने की योजना है। सरकार जन औषधि स्टोर खोलने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। रसायन व उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि रोगियों के हित में डॉक्टर केवल जेनरिक दवाएं ही लिखें।
उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में देश में 1,000 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि स्टोर खोलने के बारे में मैं रेलमंत्री सुरेश प्रभु से चर्चा करूंगा। उन्होंने कहा कि छोटे कस्बों व गांवों में गरीब लोगों को किफायती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए उनका मंत्रालय बस अड्डों पर भी जन औषधि केंद्र स्थापित करना चाहता है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर एक जन औषधि स्टोर खोलने का है।
इस बारे में राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार के कार्यकाल में जन औषधि स्टोर की संख्या बढक़र 1320 से अधिक हो गई है, जबकि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में 88 स्टोर ही खुले थे। कुमार ने कहा, इस साल के आखिर तक जन औषधि स्टोर की संख्या कम से कम 3000 हो जाएगी। जन औषधि स्टोरों का कारोबार भी 3 करोड़ रुपए से बढक़र 60 करोड़ रुपए हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों पर अच्छी गुणवत्ता की दवा उपलब्ध हो यह सुनिश्चित करने के लिए केवल वही कंपनियां आपूर्ति कर सकती हैं, जो विश्व स्वास्थय संगठन द्वारा प्रमाणित अच्छा काम करती हैं। भारत में 10,000 दवा कंपनियों में से केवल 1400 के पास डब्ल्यूएचओ जीएमपी प्रमाण पत्र है और केवल वही टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले सकती हैं।