रेलवे स्टेशन में रेलनीर के लिए हाहाकार मचा है। रेलनीर बेचने के लिए नया आदेश लागू होने के बाद भी यहां पानी की सप्लाई नहीं की जा रही। ऊपर से ब्रांडेड बोतलों पर भी रोक लगा दी गई है। इससे स्टेशन पहुंचे रेलयात्रियों की परेशानी देखते ही बन रही है। गला तर करने के लिए वह स्टेशन परिसर में लगे प्याऊ से प्यास बुझाते जरूर हैं लेकिन गरम पानी के चलते उनका गला सूख रहा है। रेलनीर की सप्लाई में कंपनी द्वारा अनियमितता की शिकायत मिल रही है। माना जा रहा है कि रेलनीर बनाने वाली बेवरेज प्लांट इस पानी की सप्लाई में अनियमितता बरत रही है।
पिछले एक अप्रैल से रेलवे ने दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के सभी स्टेशनों में रेलनीर की बिक्री को सुनिश्चित किया है। आदेश के मद्देनजर कामर्शियल विभाग ने स्टेशन में पानी बेचने वाले सभी वेंडरों को रेलनीर बेचने का आदेश जारी किया है। याने अब वेंडर्स सिर्फ रेलनीर ही बेच सकते हैं। अन्य प्रकार की ब्रांडेड पानी बेचने पर उनका लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। इस भय से रायगढ़ रेलवे स्टेशन के वेंडर्स रेलनीर की बिक्री कर रहे हैं, लेकिन रेलनीर की सप्लाई नहीं होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि रेलवे स्टेशन में करीब 10 स्टॉल संचालकों द्वारा पानी की बिक्री की जाती है, जहां रोजाना करीब 50 पेटी पानी की खपत हो रही है। लेकिन इसके मुकाबले यहां पानी की सप्लाई औसतन 20-30 पेटी है। जिससे रेलयात्रियों की प्यास बुझा पाना असंभव साबित हो रही है। दूसरी ओर यहां लगे वाटर एटीएम में भी ठंडा के बजाए गरम पानी निकल रही है। याने कि यात्रियों को प्यास बुझाने के लिए गरम पानी हलक से उतारना पड़ रहा है। स्टेशन के दोनों प्लेटफार्म में एक दर्जन से ज्यादा वाटर एटीएम लगे हैं, लेकिन किसी भी जगह ठंडा पानी की व्यवस्था नहीं है। यहां लगे सभी प्याऊ में गरम पानी निकल रहे हैं जिससे यात्रियों की अलग से परेशानी बढ़ रही है। याने रेलनीर बेचने की सख्ती से लोगों को अलग-अलग तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हर दिन 6 सौ बोतल की जरूरत
रायगढ़ रेलवे स्टेशन में प्रतिदिन रेलनीर के 6 सौ बोतलों की जरूरत महसूस की जा रही है। स्टॉल संचालक बताते हैं कि अगर सही तरीके से रेलनीर की सप्लाई की जाए तो यहां रोजाना 6 सैकड़ा पानी बेची जा सकती है। चूंकि पहले ब्रांडेड बोतलों की खपत इतनी संख्या में थी इसलिये ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। लेकिन अब जबकि नया आदेश लागू होने के बाद बेवरेज कंपनी द्वारा अनियमितता की जा रही है तो स्टॉल संचालकों के साथ रेलयात्रियों की परेशानी भी बढ़ रही है।
कैसे बुझेगी प्यास
रेलवे स्टेशन में रोजाना हजारों रेलयात्रियों का आवागमन होता है। हालांकि यहां पर दो दर्जन से ज्यादा वाटर एटीएम और नल लगाये गये हैं, इसके बाद भी यात्रियों की प्यास नहीं बुझ पा रही है। इसका कारण बिलासपुर स्थित रेलनीर बेवरेज प्लांट से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। यह स्थिति तब है जब रेलवे बोर्ड द्वारा जोन के सभी रेलवे स्टेशनों में रेलनीर की सप्लाई अनिवार्य कर दी गई है।
जोन की टीम ले चुकी है जायजा, लेकिन आपूर्ति में आ रही बाधा
नया आदेश जारी होने के बाद बिलासपुर जोन की दो टीमों द्वारा स्टेशन के सभी स्टॉलों का जायजा लिया जा चुका है। पिछली बार केसी स्वाईं की टीम यहां पहुंची थी, उन्होंने सभी बिंदुओं पर निरीक्षण किया और रेलनीर की सप्लाई पर जोर दिया था। उनके बाद जोन की दूसरी सीसीआई की टीम ने भी यहां जायजा ले चुके हैं। यहां पहुंचने वाला हरेक अधिकारी यही दावा करता है कि बहुत जल्द रेलनीर की सप्लाई पर जोर दिया जाएगा। लेकिन अधिकारियों का दावा हवा हवाई साबित होता है। रेलनीर की सप्लाई के लिए काफी जोर दिया जा रहा है, इसके लिए कई बार बेवरेज कंपनी को पत्राचार भी किया जा चुका है लेकिन सप्लाई में तेजी नहीं आ रही।
पीके राउत, स्टेशन मास्टर, रायगढ़