हर वर्ष की तरह इस बार भी रेलवे मानसून पूर्व तैयारियों में जुटा हुआ है। नागपुर मंडल में 19 बड़े पुल ऐसे हैं, जो मूसलाधार बारिश में रेल की रफ्तार पर ब्रेक लगा सकते हैं। इसके अलावा मध्य रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत कुल 29 प्वाइंट संवेदनशील घोषित किए जा चुके हैं। यहां लापरवाही बरतने पर अनहोनी की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि रेलवे प्रबंधन तैयारी पूरी होने का दावा कर रहा है। मध्य रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत रोजाना 135 एक्सप्रेस गाडिय़ां व 250 से ज्यादा मालगाडिय़ों की आवाजाही होती है। गंतव्य तक पहुंचने के लिए नागपुर स्टेशन से तीनों दिशा में चलने वाली गाडिय़ों को अनगिनत बाधाओं को पार करके गुजरना पड़ता है। एक जगह से दूसरी जगह तक गाड़ी को जाने के लिए कई नदी, नालों व सुरंग से होकर गुजरना पड़ता है। बाकी मौसम में भले ही यहां से गुजरना आसान है, लेकिन मूसलाधार बारिश में उफान पर आते नदी- नाले व पहाडिय़ों से दरकतीं चट्टानें रेलवे का कभी भी रास्ता रोक सकती हैं। ऐसे में प्रति वर्ष रेलवे की ओर से बारिश में गाडिय़ों को सरपट दौड़ाने के लिए एहतियात बरती जाती है। इस बार भी रेलवे ने पूरी तरह से कमर कस ली है।
लैंड स्लाइडिंग का खतरा
नागपुर मंडल अंतर्गत दिल्ली लाइन की ओर का इटारसी तक का क्षेत्र आता है। रोजाना नागपुर से इस ओर 25-30 रेल गाडिय़ां चलती हैं, लेकिन बारिश में सर्वाधिक संवेदनशील प्वाइंट इसी मार्ग पर हैं। इसके अलावा नागपुर से मुंबई की ओर जाने वाले रेलवे ट्रैक पर भी बड़ी संख्या में ऐसे प्वाइंट बने हैं, जहां रेलवे को परेशानी हो सकती है। वर्धा से बल्लारशाह रूट पर भी कई जगह पर रेलवे को खतरा है।
पहाडिय़ों के बीच से गुजरने के लिए टनल बनाया जाता है, जहां से रेल गाडिय़ां गुजरती हैं। इन स्थानों पर बारिश के दिनों में दिक्कत हो सकती है। इन टनल में पहाडिय़ों की चट्टानें खिसकने का डर रहता है। इससे रेलवे ट्रैक बाधिक हो सकता है। संवेदनशील टनल व कटिंग दिल्ली लाइन पर ही हैं। इसमें धाराखोह व मारमांजरी के बीच 2 टनल व 1 कटिंग हैं। ताकू- केसला स्टेशन के बीच दो कटिंग हैं। चिंचोडा व घुडनख़ापा के बीच दो कटिंग है। घुडनख़ापा व तिगांव के बीच भी रास्ता आसान नहीं। यहां भी 2 कटिंग हैं। इसी तरह दारीमेता व नरखेड बीच 1 जगह कटिंग है। मध्य रेलवे नागपुर मंडल की ओर से धारामोह स्टेशन से मारमांजरी, तिगांव स्टेशन से चिंचोडा, हातनपुर स्टेशन से जवलखेडा, टाकू स्टेशन से धोद्रामोह, घोडाडोंगरी स्टेशन से बर्बतपुर आदि सेक्शन के बीच बारिश के दौरान लैंड स्लाइडिंग का खतरा रहता है। ऐसे में रेल प्रशासन की ओर से यहां चट्टानों को काटकर सुरक्षित रास्ता तैयार किया गया है। ऊंची जमीन समतल करते हुए बेहतर मार्ग तैयार किया गया है।