दिल से… (कविता)

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अनिल महेंद्रू,

 तिरंगा अपनाओ, दिल से अपानाओ,
संघ अपने की शान बढ़ाओ।
जन-जागरण अभियान चलाओ,
कामगारों को जागरूक बनाओ।
क्रांति की मशाल जलाओ,
मजदूर आंदोलन मजबूत बनाओ।
स्वार्थ भगाओ, सेवा अपनाओ,
कामगारों को हर न्याय दिलाओ।
युवा वर्ग को राह दिखाओ,
महिलाओं को सम्मान दिलाओ।
एफडीआई का भूत भगाओ,
एनपीएस की चिता जलाओ।
निजी करण का विरोध करो तुम,
अपने रेल उद्योग को बचाओ।
  भटनागरजी ने राह है दिखाई,
   राह उसी पर चल कर दिखाओ।
आपसी मतभेद सब दूर भगाओ,
कामगार एकता को मजबूत बनाओ।
राह रोड़ों को सीढ़ी बनाओ,
हर मुश्किल आसान बनाओ।
गुमराह करने बालों की औकात बताओ,
सच की राह पर चल के दिखाओ।

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