कैथल, बारिश के मौसम में खेतों की सैर और जामुन खाने निकले दो बच्चों की गहरे पानी में डूबे निर्माणधीन रेलवे अंडरपास में गिरकर मौत हो गई। जिले के गांव सोलूमाजरा से गांव खेड़ी रायवाली को जाने वाली सडक़ पर बने निर्माणधीन रेलवे अंडरपास के 10 फीट गहरे पानी में डूबे होने की यह हादसा हुआ। मासूम बच्चों का पैर ब्रिज पर फिसल गया और उन्हें पुल से नीचे पानी में गिरता देख बचाने गए चाचा की भी पानी में डूबने से मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और पानी में डूबे बच्चों व व्यक्ति को बचाने में लग गए, लेकिन तब तक तीनों की मौत हो गई थी। गांव में अचानक तीनों अकस्मात मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मामले की सूचना मिलते ही ढांड थाना प्रभारी सुरेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लेते हुए रेलवे पुलिस को मामले की सूचना दी। इसके बाद रेलवे एएसआई चरण सिंह पुलिस कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे।
मृतक बच्चों के परिजनों ने बताया कि गांव खेड़ी रायवाली निवासी नवीन (12) गांव बंदराना के स्कूल में पढ़ता है। वह अपने दोस्त आकाशदीप (13) के नाना काबज सिंह के घर गर्मियों की छुट्टियां मनाने आया हुआ था। दोनों बच्चे खेतों में घूमने और जामुन खाने के लिए घर से निकले थे।
२९ जून को सुबह करीब 10 बजे दोनों बच्चे निर्माणधीन रेलवे अंडरपास के ऊपर से गुजर रहे थे कि अचानक दोनों का पैर फिसला और पुल के नीचे कई फुट गहरे पानी में जा गिरे। दोनों बच्चों को एकाएक पुल के ऊपर से नीचे गिरता देख दूर से आ रहे आकाशदीप के चाचा नवीन ने अपनी जान की परवाह किए बगैर पुल के ऊपर से छलांग लगा दी। पुल के गहरे पानी और दलदल में तीनों फंस गए और तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
इस दौरान दूर से देख रहे ग्रामीणों को आशंका हुई की जरनैल ने ऊपर से कूद लगाई थी और वापस नहीं आया है। भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और पुल के ऊपर से सीढ़ी लगाकर पानी में डूब चुके दोनों बच्चों और व्यक्ति को बाहर निकाला। सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए कैथल के सरकारी अस्पताल भेजा और कार्रवाई शुरू की। अचानक गांवों में दो बच्चों व एक व्यक्ति की मौत से पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। परिजन मृतक के शवों से लिपटकर विलाप कर रहे थे और रो-रोकर बुरा हाल था। गांव में एक साथ तीन मौत होने से मृतक के घर शोक जताने वालों का तांता लगा हुआ था। ग्रामीणों में इस बात को लेकर भारी रोष था कि निर्माणधीन रेलवे पुल पर कोई साइन बोर्ड आदि कुछ भी नहीं था।