क्या हमारी जान का कोई मूल्य नहीं है…?

रेलवे रिक्यूटमेंट सेल (आरआरसी) परीक्षा, जिसमें लाखों अभ्यर्थी अपना भाग्य आजमाते हैं, को उत्तीर्ण कर मैं रेलवे में भर्ती हुआ। रेलवे में कार्य करने का एक जुनून था। यह मेरा भाग्य था या दुर्भाग्य यह मैं नहीं कह सकता मेरी नियुक्ति ट्रेक मेंटेनर के रूप में हुई। शुरू से ही मेरे मां बाप ने मुझे यह शिक्षा दी थी कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। देश की सेवा करने का मौका जहां भी मिले उसे पूरी लगन और निष्ठा के साथ करना चाहिए। मैंने भी उन्हीं संस्कारों का पालन किया, कर रहा हूं और करता रहूंगा। परंतु एक ट्रैक मेनटेनर का कार्य करते हुए मुझे यह आभास हुआ कि रेल प्रशासन और सरकार को हमारी कोई चिंता ही नहीं है। जान हथेली पर रखकर हम ट्रैक पर कार्य करने वाले कामगार दु्रतगति से चलती हुई रेलगाडिय़ों के बीच ड्यूटी को अंजाम देते हैं। न जाने कब रन ओवर हो जाए पता नहीं। रन ओवर होने पर अपने साथी की लहूलुहान लाश पर रोने का वक्त भी हमारे पास नहीं होता। हम बॉर्डर पर तैनात एक सैनिक की तरह अपनी ड्यूटी जारी रखते हैं। परंतु जब सुविधाओं की बात करो, लाभों की बात करो, प्रमोशन की बात करो, तो हमारी बात सुनी ही नहीं जाती। दो टूक जवाब मिलता है। एक गैंग में जितने कामगार होने चाहिए वह नहीं मिलते, पीने के पानी व अन्य मूलभूत सुविधाओं से हमें वंचित रखा जाता है। गैंग हट न के बराबर हैं जो कुछ हैं भी वह जर्जर अवस्था में हैं। बरसात के दिनों में हमारी दुष्वारियां और बढ़ जाती हैं। ट्रैक पर कार्य करते हुए सांप-बिच्छू व अन्य जंगली जानवरों से आमना-सामना हो जाना एक आम बात है। रेनकोट, सेफ्टी शूज उपयुक्त मात्रा में नहीं उपलब्ध कराए जाते। देर सवेर मिलते भी हैं वह भी उत्तम क्वालिटी के नहीं होते। 10′ और 40′ कोटे के तहत अन्यत्र विभागों में भेजने पर प्रशासन को सांप सूंघ जाता है।
सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ का मैं शुक्रिया अदा करता हूं कि वह हमेशा से ही हमारे अधिकारों के लिए लड़ता आया है। संघ के अध्यक्ष डॉ. आर. पी.भटनागर वास्तव में मजदूर मसीहा है। उन्होंने अपने रेल सेवा काल में हमारे ही विभाग में कार्य किया है और वह हमारी परेशानियों से भलीभांति परिचित हैं। टै्रक मेंनटेनर का दर्जा हो या हमें मिलने वाले अन्य लाभ हो उन्हें दिलवाने में उनकी अहम भूमिका अदा की है। मुझे मालूम है कि उनके प्रयास जारी हैं हम सभी ट्रेक मेनटेनर उनके साथ है और हमारे हक के लिए जो भी संघर्ष होगा उसमें पूरी एकजुटता के साथ हम भाग लेंगे इसके लिए हमें कोई भी कुर्बानी क्यों ना देनी पड़े हम पीछे नहीं हटेंगे।

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