सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ ने छेड़ा तीव्र आंदोलन
रेलवे बोर्ड की कैटरिंग पॉलिसी के तहत रेलवे कैटरिंग का संपूर्ण कार्य आईआरसीटीसी के हवाले कर देने का आदेश निकाला गया। जैसा कि प्राय: यह देखा गया है कि रेलवे बोर्ड द्वारा जारी आदेश इतने जटिल और द्विअर्थी होते हैं कि उनका समझ पाना आसान नहीं होता। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। रेलवे बोर्ड के आदेश पत्र / पॉलिसी में वर्तमान कैटरिंग स्टाफ की नियुक्ति कहां की जाएगी इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया। इसी के तहत छत्रपति महाराज टर्मीनस मुंबई स्थित बेस किचिन तथा जन आहार कैफेटेरिया में कार्यरत नियमित कैटरिंग स्टाफ को प्रशासन ने आनन-फानन में बाहर कर उनके भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया। मजदूर मसीहा डॉ. आर.पी. भटनागर अध्यक्ष, सीआरएमएस ने इस तुगलकी फरमान का कड़ा विरोध दर्ज करते हुए मुंबई मंडल के अध्यक्ष श्री व्ही.एस. सोलंकी, सीआरएमएस को इस संबंध में तीव्र आंदोलन छेडऩे का निर्देश दिया। तदï्नुसार मंडल ने डीआरएम मुंबई को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज किया। कोई कार्रवाई न होती देख श्री सोलंकी ने दिनांक 11.05.2017 को सभी कैटरिंग स्टाफ एवं संघ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जन आहार कैफेटेरिया के सामने तीव्र आंदोलन छेड़ दिया। प्रशासन की इस तानाशाही के खिलाफ जोरदार नारे बाजी की गई। श्री सोलंकी ने बताया कि सवाल कैटरिंग में कार्यरत 140 कर्मचारियों का है। उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने से पहले उन्हें कॉमर्शियल विभाग में अन्यत्र नियुक्ति की जानी चाहिए। आंदोलन अभी जारी है।
श्री सोलंकी के साथ सर्वश्री एस.के. दुबे, मंडल सचिव, सुनील बेंडाले, सहा. महामंत्री, एम. वाई. खान, शिल्पा पालव, मिनाज अल्वी, अमीर खान व अन्य संघ कार्यकर्ताओं ने इस आंदोलन में भाग लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशासन सीआरएमएस द्वारा छेड़े गए इस आंदोलन से घबराया हुआ है तथा मसले का हल ढूढऩे के लिए उच्च स्तर पर बैठकों का दौर जारी है सीआरएमएस ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि मसले का उचित हल न निकलने तक आंदोलन जारी रहेगा। सीआरएमएस के इस प्रयास की सभी रेलकर्मियों ने सराहना की है।
रेलवे के एक भी कर्मचारी पर होने वाले किसी भी तरह के अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा-डॉ. आर.पी. भटनागर