पटना, पटना-कोटा-पटना एक्सप्रेस हो या फिर मगध एक्सप्रेस, दोनों ट्रेनें विलंब से चलती हैं. कोटा-पटना एक्सप्रेस रोजाना 10 से 20 घंटे विलंब से जंकशन पहुंच रही है, तो पटना-कोटा दो-तीन बार रिशेड्यूल होकर रवाना हो रही है. वहीं, मगध एक्सप्रेस भी तीन से सात घंटे रोजाना विलंब से पहुंच रही है और रवाना हो रही है. यह स्थिति रेलवे प्रबंधन की नाकामी की वजह से है. लेकिन, खामियाजा रेल यात्रियों को रात-रात भर जंकशन पर बैठ कर भुगतना पड़ रहा है.
पटना-कोटा एक्सप्रेस छह जून को जंकशन से 13.55 घंटे और सात जून को 19.10 घंटे विलंब से रवाना हुई. स्थिति यह है कि सात जून को रवाना होने वाली पटना-कोटा एक्सप्रेस दोपहर 11.50 बजे के बदले रात्रि 10.30 बजे रिशेड्यूल की गयी, फिर 12.30 बजे और अंत में गुरुवार की सुबह 7.00 बजे रिशेड्यूल की गयी. इस स्थिति में पटना-कोटा एक्सप्रेस के यात्रियों को रात-रात भर जंकशन पर बैठकर इंतजार करना पड़ रहा है.
वहीं, गुरुवार को 11.50 बजे रवाना होने वाली पटना-कोटा को रिशेड्यूल कर रात्रि 10.30 बजे निर्धारित की गयी. कमोबेश यही स्थिति मगध एक्सप्रेस के यात्रियों की भी है. गुरुवार को मगध एक्सप्रेस शाम 6.10 बजे के बदले रात्रि 9.30 बजे रवाना की गयी.